जयपुर। सौर ऊर्जा उत्पादन में राजस्थान लगातार अगृणि राज्य बना हुआ है। इसी क्रम में राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम लिमिटेड द्वारा प्रधानमंत्री कुसुम योजना के तहत प्रदेश के 623 किसानों को 722 मेगावॉट क्षमता के सौर ऊर्जा संयत्र स्थापित करने के लिए आवंटन पत्र जारी करने का निर्णय किया है।
राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम के अध्यक्ष एवं प्रमुख शासन सचिव ऊर्जा अजिताभ शर्मा ने बताया कि केंद्र सरकार की कुसुम योजना में राजस्थान देश का पहला राज्य है, जिसके द्वारा किसानों को चयन की प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई है।
देश के अन्य राज्यों की अपेक्षा यहां सर्वाधिक क्षमता के सौर संयंत्र स्थापित होंगे। योजना में किसानों द्वारा स्वयं की अनुपयोगी या बंजर भूमि पर 0.5 से 2 मेगावॉट क्षमता तक के सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना की जा सकती है। इससे किसानों के उनकी अनुपयोगी भूमि से 25 वर्षों तक नियमित आय प्राप्त होगी।
इससे किसानों को कृषि कार्य के लिए विद्युत आपूर्ति करने में सफलता मिलेगी और विद्युत छीजत में व सिस्टम विस्तार होने वाले खर्च में भी कमी होगी। राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम द्वारा योजना के प्रथम चरण में वितरण निगमों के 33/11 केवी सब स्टेशनों पर किसानों को विकेंद्रीकृत सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने के लिए प्रस्ताव आमंत्रित किए गए थे।
राज्य के 674 किसानों द्वारा 815 मेगावॉट क्षमता के आवेदन पंजीकृत कराए थे। इनमें से 623 किसानेां को 722 मेगावॉट क्षमता के संयंत्र स्थापित करने के लिए परचेज एग्रीमेंट हस्ताक्षरित किए जाएंगे। किसानों द्वारा उत्पादित विद्युत डिस्कॉम्स द्वारा 3.14 रुपए प्रति यूनिट की दर से क्रय की जाएगी।
संयंत्र स्थापित करने में आने वाले परेशानी को दूर करने के लिए विशेष सहायता प्रकाष्ठ स्थापित किया जाएगा। शर्मा ने बताया कि योजना के अंतर्गत बची हुई 1878 मेगावॉट क्षमता स्थापना के लिए अगले चरण की कार्रवाई जल्दी ही शुरू की जाएगी।