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कोरोना (Corona) के नये वेरिएंट (New Variant) डेल्टा प्लस (Delta Plus) को लेकर सरकार पूरी तरह सतर्क, कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग पर जोर, संक्रमण रोकने के लिए बनाये माइक्रो कंटेनमेंट जोन (Micro Containment Zone)

राजस्थान सरकार कोरोना (Corona) के नये वेरिएंट (New Variant) को लेकर पूरी तरह सजग और सतर्क है। यद्यपि प्रदेश में कोरोना के नए वेरिएंट डेल्टा प्लस (Delta Plus) से संक्रमित एक मरीज बीकानेर में ट्रेस हुई हैं लेकिन ये मरीज स्वस्थ भी हो चुकी हैं। राजस्थान के चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने बताया कि इसके बाद से बीकानेर में कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग का काम व्यापक स्तर पर शुरू कर दिया गया है और माइक्रो कंटेनमेंट जोन (Micro Containment Zone) बना दिए गए हैं ताकि संक्रमण का प्रसार ना हो।

चिकित्सा मंत्री ने कहा कि भारत सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार देश के 11 राज्यों में 48 मरीज डेल्टा प्लस से संक्रमित पाये गये हैं। देश में 10 जगह जीनोम सिक्वेंसिंग का काम हो रहा है। राजस्थान के एसएमएस मेडिकल कॉलेज में जीनोम सिक्वेंसिंग का काम शुरू हो गया है। सैंपल्स की जांचें की जा रही हैं। इससे यह पता चल सकेगा कि नया वेरिएंट कौनसा है। उन्होंने बताया कि वेरिएंट के अनुसार ही ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल तय कर इलाज शुरू किया जा सकता है।

चिकित्सा मंत्री ने किया सेटेलाइट अस्पताल का दौरा

डॉ. शर्मा ने शनिवार, 26 जून को जयपुर के सेठी कॉलोनी स्थित एसआर. गोयल (सेटेलाइट) हॉस्पिटल में तीसरी लहर से बचाव के लिए की जा रही तैयारियों का निरीक्षण के दौरान यह बात कही। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी बच्चों के अस्पतालों के आधारभूत ढांचे को मजबूत कर बेहतर चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।

राजस्थान के चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने सेठी कॉलोनी स्थित जयपुर के एसआर गोयल सेटेलाइट अस्पताल का निरीक्षण किया

अस्पताल में बढ़ सकेंगे 125 बेड, लगेगा ऑक्सीजन उत्पादन प्लांट

चिकित्सा मंत्री ने बताया कि सेठी कॉलोनी स्थित सेटेलाइट अस्पताल में पीकू, नीकू और एसएनसीयू को मिलाकर करीब 30 बेड हैं। आपातकाल में क्रिटिकल केयर हॉस्पिटल के रूप में बेड की संख्या बढ़ाकर 125 तक की जा सकती है। उन्होंने कहा कि अस्पताल में 400 लीटर प्रति मिनट ऑक्सीजन उत्पादन करने का भी प्लांट लगाया जा रहा है। साथ ही 90 ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर भी अस्पताल के लिए उपलब्ध कराये हैं। केंद्रीकृत ऑक्सीजन प्लांट की लाइन अस्पताल में लगी हुई है। अस्पताल में आक्सीजन की कोई कमी नहीं रहेगी। उन्होंने कहा कि जिस तरह मुख्यमंत्री के निर्देशन में पहली और दूसरी वेव का मुकाबला किया उसी तरह तीसरी लहर से भी आमजन को बचाने के प्रयास किए जा रहे हैं।

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को किया जा रहा मजबूत

स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि कोरोना की संभावित तीसरी लहर से बचाव के लिए प्रदेश की 332 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को चिकित्सकीय सुविधाओं से सुसज्जित किया जा रहा है। इन्हें फंडिंग कर यहां 4-5 बेड का आईसीयू, केंद्रीकृत ऑक्सीजन पाइपलाइन, ऑक्सीजन उत्पादन के प्लांट लगाये जा रहे हैं ताकि आमजन को स्थानीय स्तर इलाज मिल सके और जिला स्तर के अस्पतालों का भार कम हो। उन्होंने कहा कि राज्य में चिकित्सकीय आधारभूत ढांचे को मजबूत करने के प्रयास किए जा रहे हैं।

वैक्सीनेशन और प्रबंधन में राजस्थान अव्वल

चिकित्सा मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में ज्यादा से ज्यादा वैक्सीनेशन और चिकित्सा संस्थानों के सुदृढ़ीकरण पर व्यापक स्तर पर काम कर रही है। प्रदेश के शुक्रवार, 26 जून को 10 लाख से ज्यादा लोगों का वैक्सीनेशन किया गया। राजस्थान न केवल वैक्सीनेशन में देश भर में अव्वल है बल्कि कोरोना प्रबंधन में अन्य राज्यों के लिए प्रेरक भी रहा है। विभाग ने 15 लाख से ज्यादा वैक्सीनेशन प्रतिदिन करने के क्षमता हासिल कर ली है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 2 करोड़ 30 लाख से ज्यादा लोगों को टीका लगाया जा चुका है । यदि केंद्र सरकार लगातार वैक्सीन उपलब्ध कराती है तो प्रदेशवासियों का समयबद्ध तरीके से वैक्सीनेशन किया जा सकेगा।

आत्मअनुशासन से ही बचाव संभव

चिकित्सा मंत्री ने कहा कि बेहतर कोरोना प्रबंधन का ही नतीजा है कि प्रदेश में दो दिन से मृत्यु का आंकड़ा जीरो रहा है। प्रदेश की रिकवरी रेट भी 98.81 हो गई है, साथ ही एक्टिव कोरोना मामले लगभग 1700 ही रह गये हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना कमजोर जरूर हुआ है लेकिन गया नहीं है। उन्होंने कहा कि कोरोना को लेकर उचित व्यवहार  में थोड़ी सी भी लापरवाही तीसरी लहर की वजह बन सकती है। उन्होंने तीसरी लहर से बचने के लिए प्रदेशवासियों को बेवजह घर से बाहर नहीं निकलने, मास्क पहनकर बाहर जाने, सोशल डिस्टेंसिंग अपनाने और बार-बार साबुन से हाथ धोने की सलाह भी दी। उन्होंने कहा कि केवल आत्मअनुशासन को अपनाकर ही इस बीमारी से बचा जा सकता है।

इस अवसर पर क्षेत्रीय विधायक रफीक खान ने कहा कि इस अस्पताल में आईसीयू, वेंटीलेटर सहित आवश्यक व्यवस्था करने से मरीजों को अब एसएमएस या आरयूएचएस जैसे बड़े अस्पतालों में नहीं जाना पड़ेगा और उनका इलाज स्थानीय स्तर हो सकेगा। इस दौरान समाजसेवी और दानदाता नागरमल अग्रवाल ने चिकित्सा मंत्री व विधायक को साफा व माला पहनाकर सम्मानित किया व स्मृति चिन्ह भी भेंट किया। निरीक्षण के दौरान स्थानीय पार्षद नीरज अग्रवाल, जनप्रतिनिधि दिलीप मीणा, सवाईमानसिंह अस्पताल के प्राचार्य डॉ. सुधीर भंडारी, सीएमएचओ जयपुर प्रथम डॉ. नरोत्तम शर्मा, सेटेलाइट अस्पताल के अधीक्षक डॉ. जगदीश सिंह सहित गणमान्य उपस्थित थे।

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