जयपुर

क्या प्रधानमंत्री (Prime Minister)के संबोधन के कारण फ्लॉप हुआ भाजपा (BJP) का प्रदर्शन, या था कोई दूसरा कारण

जयपुर नगर निगम ग्रेटर की महापौर सौम्या गुर्जर और तीन पार्षदों को निलंबित करने के मामले में शहर भाजपा (BJP) की ओर से सोमवार शाम को विरोध प्रदर्शन का कार्यक्रम फ्लॉप बताया जा रहा है। कहा जा रहा है कि ठीक उसी समय प्रधानमंत्री (Prime Minister) का संबोधन होने के कारण उम्मीद के मुताबिक भीड़ नहीं जुट पाई, लेकिन दूसरी ओर कहा जा रहा है कि भीड़ कम होने का दूसरा कारण है।

भाजपा सूत्रों का कहना है कि जयपुर को भाजपा का गढ़ माना जाता है, लेकिन प्रदर्शन के दौरान उस संख्या में कार्यकर्ताओं की भीड़ नहीं जुट पाई जितनी उम्मीद थी। कहा जा रहा है कि अधिकांश कार्यकर्ता मोदी का संबोधन सुनने के लिए घरों पर ही रहे, जिससे प्रदर्शन में भीड़ नहीं जुट पाई। यदि ऐसा था तो प्रदर्शन प्रधानमंत्री के संबोधन के बाद भी हो सकता था।

सूत्र बताते हैं कि प्रदर्शन में भीड़ नहीं जुटने का कारण दूसरा ही है। शहर भाजपा ने इस कार्यक्रम का आयोजन किया था, लेकिन असल में शहर भाजपा के कारण ही यह कार्यक्रम फ्लॉप हुआ। सरकार के निलंबन आदेश से तो शहर भाजपा को मन मांगी मुराद जो मिल गई थी। शहर भाजपा के सभी बड़े नेता महापौर सौम्या गुर्जर से खुश नहीं थे।

यही कारण रहा कि दिखावे के लिए कार्यक्रम तो आयोजित किया गया, लेकिन कार्यकर्ताओं को प्रदर्शन में शामिल होने के लिए दबाव नहीं दिया गया। शहर भाजपा के विधायक और विधायकों की ओर से कार्यक्रम के प्रति बेरुखी दिखाई गई। यदि विधायक और विधायक प्रत्याशी चाहते तो कार्यकर्ताओं पर दबाव बनाकर भारी भीड़ जुटा सकते थे।

महापौर और पार्षदों के निलंबन के मामले में जयपुर शहर भाजपा की ओर से प्रदर्शन का कार्यक्रम रखा गया था। इसमें भाजपा कार्यकर्ताओं को अपने घरों के बाहर या चौराहों पर कोविड गाइडलाइन की पालना करते हुए प्रदर्शन करना था। प्रदर्शन कार्यक्रम में सभी पार्षदों, पूर्व पार्षदों, पार्षद प्रत्याशी, जयपुर शहर पदाधिकारी, मंडल पदाधिकारी, वार्ड पदाधिकारी, बूथ पदाधिकारी और सभी मोर्चों के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को प्रदर्शन में शामिल होना था।

इस दौरान निलंबित महापौर सौम्या गुर्जर भी कुछ कार्यकर्ताओं के साथ ग्रेटर मुख्यालय पहुंची और टोंक रोड स्थित मुख्यद्वार के बाहर प्रदर्शन किया। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने हाथों में तख्तियां ले रखी थी और सरकार के खिलाफ उन्होंने नारेबाजी की।

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