- धरम सैनी
क्या सचिन पायलट का कांग्रेस से किस्सा खत्म होने वाला है! यदि पायलट गुट के बगावती तेवर इसी तरह के रहे तो क्या उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा। कांग्रेस के सूत्र यही कह रहे हैं कि राजनीतिक नियुक्तियों या मंत्रिमंडल में अपनों को जगह दिलाना तो दूर, खुद उनके लिए कांग्रेस में संकट खड़ा होता जा रहा है क्योंकि दिल्ली ने भी उनसे दूरी बना ली और बैरंग जयपुर लौटा दिया।
सूत्रों का कहना है कि पिता स्वर्गीय राजेश पायलट की पुण्यतिथि पर सचिन राजस्थान में बड़ा हंगामा करने की कोशिश में थे। पुण्यतिथि से करीब दस दिनों पूर्व उन्होंने ने कोरोना के बहाने अपने गुट के सभी लोगों से संपर्क साधा था और हालचाल पूछने के बहाने उनका मन टटोला था। इसके बाद ही वे दिल्ली चले गए।
बताया जा रहा है कि पायलट के इस प्रोग्राम की खबर एआईसीसी को लग गई। ऐसे में राजस्थान में होने वाले हंगामे को टालने के लिए एआईसीसी ने स्वर्गीय राजेश पायलट की पुण्यतिथि के दिन महंगाई के खिलाफ हल्लाबोल की घोषणा कर दी ताकि सचिन पायलट के कार्यक्रम में भीड़ नहीं जुट पाए। ऐसा हुआ भी, एआईसीसी के निर्देशों पर पायलट गुट के सभी विधायक अपने-अपने क्षेत्रों में हल्लाबोल कार्यक्रम में अटक गए और उनका पूर्व निर्धारित कार्यक्रम सफल नहीं हो पाया।
ऐसे में पायलट दोबारा दिल्ली जा पहुंचे लेकिन दिल्ली में गांधी परिवार से उनकी मुलाकात नहीं हो पाई और उन्हें दिल्ली से बैरंग लौटा दिया गया। दिल्ली से लौटने के बाद पायलट ने मीडिया से दूरियां बना ली लेकिन उनके समर्थक विधायकों ने बयानबाजियां शुरू कर दीं, जो अभी तक जारी है। हालांकि कांग्रेस नेता अजय माकन ने सचिन पायलट और प्रियंका गांधी की मुलाकात नहीं हो पाने का कारण तयशुदा कार्यक्रम के तहत उनका दिल्ली से बाहर होना ही बताया और कहा सचिन कांग्रेस के लिए महत्वपूर्ण व कद्दावर नेता हैं। उन्हें मुलाकात का समय नहीं मिल पाने का सवाल ही नहीं उठता।
यद्यपि राजस्थान कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि वर्तमान परिस्थितियों के मद्देनजर पायलट गुट को अब राजनीतिक नियुक्तियों और मंत्रिमंडल में जगह मिलना मुश्किल दिखाई दे रहा है। इस घटनाक्रम को देखते हुए कहा जा रहा है कि दिल्ली की तरफ से एक तरह से पायलट गुट को चेतावनी मिल चुकी है। यदि इस पर भी वह बाज नहीं आए तो उनके खिलाफ कार्रवाई हो सकती है क्योंकि दिल्ली किसी भी तरह राजस्थान सरकार को प्रभावित होते नहीं देखना चाहती है। कांग्रेस आलाकमान को डर है कि यदि यह विवाद ज्यादा चला तो राजस्थान सरकार पर संकट आ सकता है। विरोधी लगातार सरकार को अस्थिर करने के प्रयास में जुटे हैं। इसी संदर्भ में यह भी बड़ा सवाल है कि यदि सचिन पायलट को बाहर का रास्ता दिखाकर उनका किस्सा खत्म कर भी दिया जाता है, तो क्या सरकार स्थिर रह पायेगी?