मध्य प्रदेश सरकार ने मंत्रिपरिषद की बैठक में कई बड़े फैसले लिये हैं इनमें से ही एक बड़े फैसले के तहत ये तय किया गया है कि विश्वविद्यालय के कुलपति को अब कुलगुरु कहा जाएगा। मध्य प्रदेश सरकार की मंत्रिपरिषद द्वारा मध्य प्रदेश विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक, 2024 के माध्यम से मध्य प्रदेश विश्वविद्यालय अधिनियम, 1973 में संशोधन प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया। विधेयक को आगामी विधानसभा सत्र में पुर्नस्थापित और पारित कराने संबंधी कार्यवाही के लिए उच्च शिक्षा विभाग को अधिकृत किया गया। बता दें कि इस विधेयक में संशोधन के अनुसार विश्वविद्यालयों में कुलपति पदनाम को कुलगुरु किए जाने पर अनुमोदन दिया गया है।
किसानों के लिए फसल ऋण
इसके अलावा मंत्रिपरिषद ने कृषि उत्पादकता को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2023-24 में शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर कृषकों को अल्पावधि फसल ऋण दिए जाने की योजना को निरंतर रखने की स्वीकृति दी है। सहकारी बैंकों के माध्यम से कृषकों को फसल ऋण प्रदान किया जाएगा। मंत्रिपरिषद द्वारा मिशन वात्सल्य में चाइल्ड हेल्प लाइन के सुचारू और कुशल संचालन के लिए विभागीय आदेश में संशोधन की स्वीकृति दी गई। संशोधन के अनुसार जिला स्तर पर जिला बाल संरक्षण इकाई द्वारा एक हेल्प लाइन यूनिट का संचालन किया जाएगा। इस कार्य के लिए मानव संसाधन का चयन भारत सरकार द्वारा निर्धारित अर्हता अनुसार विज्ञापन जारी कर पारदर्शी प्रक्रिया से किया जायेगा। चाइल्ड हेल्प लाइन के सभी स्टाफ संविदा पर रखे जाएंगे।
शराब दुकानों के लिए अहम फैसला
व्हीं, मंत्रिपरिषद द्वारा प्रदेश की मदिरा दुकानों के निष्पादन, देशी व विदेशी मदिरा प्रदाय व्यवस्था, भांग, भांगघोटा की फुटकर बिक्री की दुकानों के निष्पादन एवं अन्य के संबंध में वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए आबकारी नीति का अनुमोदन किया गया। मदिरा दुकानों के वर्ष 2023-24 के वार्षिक मूल्य में 15 प्रतिशत की वृद्धि करने का निर्णय लिया गया। इसके अलावा मध्य प्रदेश की डॉ मोहन यादव सरकार ने कई अन्य बड़े फैसलों पर अहम निर्णय लिए हैं।