महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी की सीटें कम आने को लेकर महाराष्ट के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस ने पद से त्यागपत्र की पेशकश की थी और वे इस सिलसिले में गृह मंत्री अमित शाह से मिलने वाले थे। लेकिन, अब उन्हें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का संभवतः मना लिया है और उनके काम को उत्तम बताते हुए त्यागपत्र देने से रोक लिया है।
बता दें कि हालिया लोकसभा चुनावों के दौरान भाजपा को राजस्थान, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र से पर्याप्त संख्या में सीटें जीतने की उम्मीद थी लेकिन इन राज्यों में उम्मीदों के विपरीत परिणाम आने से पार्टी स्पष्ट बहुमत हासिल नहीं कर सकी। भाजपा के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस ने तो महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव के दौरान मिली करारी हार के बाद महाराष्ट्र सरकार से त्यागपत्र देने की तैयारी कर ली थी। वे संगठन के लिए काम करने की इच्छा जता रहे थे। फडनवीस का कहना था कि वे बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व से आग्रह करेंगे कि लोकसभा चुनाव में जो कमियां रह गई हैं, उन्हें पूरा करने दिया जाए।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2019 की तुलना में भारतीय जनता पार्टी को महाराष्ट्र में 14 सीटों का नुकसान हुआ। उसने 2019 में 23 सीटों पर जीत हासिल की थी लेकिन इस बार वह केवल 9 सीटें ही जीत सकती। महाराष्ट्र में भाजपा की इस नाकामी की जिम्मेदारी को अपने ऊपर लेते हुए देवेंद्र फडणवीस ने सरकार से बाहर रहकर पूरे समय संगठन में काम करने की इच्छा जताई थी। यही नहीं राज्य में भाजपा नेताओं के बीच सहमति बनने के बाद भी फडणवीस अपने फैसले पर अड़े रहे।
गुरुवार, 6 जून को ही आरएसएस के पदाधिकारी फडनवीस नागपुर आवास पर पहुंचे, जहां करीब दो घंटे तक बंद कमरे में बैठक चली। संघ के शीर्ष सूत्रों ने उपमुख्यमंत्री के आवास पर हुई बैठक की पुष्टि की। हालांकि उन्होंने इसे शिष्टाचार भेंट बताया। बंद कमरे में आरएसएस और फडणवीस के बीच क्या बात हुई इसे बहुत ही गोपनीय रखा गया है।
आरएसएस के वरिष्ठ पदाधिकारी अतुल लिमये इस बैठक का हिस्सा थे। जिसके बारे में पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने दावा किया कि यह बैठक फडणवीस के इस्तीफे की पेशकश को लेकर थी। संघ की ओर से सलाह दी गई थी वह विधानसभा चुनाव तक पद पर बने रहें।