जयपुर। अपने राज्य के प्रतिभावान और उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले क्रिकेटरों को पुरस्कृत करने के मामले में पूर्व रणजी क्रिकेटर व कप्तान विनोद माथुर सभवत: अकेले ऐसे खिलाड़ी है, जिन्होनें अपने पिता व पूर्व कददावर नेता रहे मथुरादास माथुर के नाम को चिरस्थायी बनाने के लिए पिछले 27 सालों से राजस्थान के एकमात्र क्रिकेट पुरस्कार से खिलाड़ियों को नवाजतें आ रहे है।
कोविड-19 के बावजूद उन्होनें इस साल भी सर्वश्रेष्ट तीन क्रिकेटरों को सम्मानित करने का फैसला किया है। चयन समिति ने वर्ष 2019 -20 में सीनियर वर्ग में अशोक मेनारियां, जूनियर वर्ग में हितेष पटेल व सब जूनियर वर्ग में साहिल भाष्कर सर्वश्रेष्ठ क्रिकेटर को 27 वें मथुरादास माथुर अवार्ड के लिए चुना है।
पूर्व रणजी खिलाड़ी वेद आहुजा की अध्यक्षता वाली चयन समिति ने राजस्थान के खिलाड़ियों की वर्षभर के प्रदर्शन के आधार पर सर्वसम्मत चयन किया। चयन समिति में अन्य सदस्य पूर्व रणजी कप्तान संजय व्यास, पूर्व कप्तान रोहित झालानी, शरद जोशी, विजेन्द्र यादव, विलास जोशी व गौरव शर्मा उपस्थित थे। वेद आहुजा से फोन पर बात की गई।
अवार्डस के तहत सीनियर वर्ग में रु. 15000, जूनियर व सब जूनियर वर्ग में क्रमश: 7500 नकद व सर्टिफिकेट ऑफ एक्सिलेंस, स्मृति चिन्ह व किट बैग प्रदान किया जाएगा। अवार्डस हर वर्ष की भांति 6 सितम्बर को स्व. मथुरादास माथुर की जन्म तिथि पर दिए जाएंगे।
उदयपुर के दो खिलाड़ी
अशोक मेनारियां को दूसरी बार इस अवार्ड से नवाजा जा रहा है। इससे पूर्व जब राजस्थान ने पहली बार वर्ष 2011 में रणजी खिताब जीता था, तब उन्हें सीनीयर वर्ग में ही इस पुरस्कार के लिए चुना गया था। वे उदयपुर में क्रिकेट प्रशिक्षक मनोज चौधरी से ट्रेनिंग लेते है और इन दिनों उन्हीं के पास अभ्यास कर रहे हैं ।
इससे पूर्व पंकज सिंह को भी यह अवार्ड दो बार दिया गया था। इसी प्रकार उदयपुर के दाएं हाथ बल्लेबाज एवं तेज गेंदबाज हितेश पटेल भी जूनियर वर्ग के लिए चुने गए है। मेनारियां ने कहा इस अवार्ड के लिए दूसरी बार चुना जाना गर्व की बात है। इस अवार्ड से मुझे ओर अधिक मोटिवेशन मिलेगा। कई सालों से मेरा मेरा प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा है लेकिन इस बार मैं पूरी कोशिश करूंगा कि में इस अवार्ड की गरिमा के अनुरूप खेलूं और अपनी टीम की जीत में योगदान दे सकू।