जयपुर। केंद्र सरकार ने कोरोना संकट के कारण घरों को लौटे श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराने और सार्वजनिक उत्पादक परिसंपत्तियों के निर्माण के लिए ‘गरीब कल्याण रोजगार अभियान’ को शुरू किया है।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केद्र सरकार को अनुरोध किया है कि राजस्थान में लौटे श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए मनरेगा के तहत प्रति परिवार रोजगार सीमा 100 कार्य दिवस से बढ़ाकर 200 दिन की जाए।
अतिरिक्त 100 कार्यदिवस सृजित होने से प्रदेश के 70 लाख ग्रामीण परिवारों को लाभ मिलेगा। गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में कहा है कि कोविड के कारण लाखों लोगों का रोजगार प्रभावित हुआ है। संकट के समय में मनरेगा न केवल पिछड़े तबकों को रोजगार मिला है, वहीं ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी सम्बल मिला है।
लॉकडाउन के दौरान राजस्थान में सरकार ने बड़ी संख्या में जॉब कार्ड जारी किए हैं। इसमें 50 लाख से अधिक श्रमिकों को रोजगार मिला, लेकिन इनमें से अधिकतर की 100 दिनों की पात्रता आने वाले माह में पूरी हो जाएगी। इसलिए कार्य दिवस बढ़ाए जाएं।
गहलोत ने मनरेगा योजना में कराए जाने वाले कार्यों की सामग्री मद की सम्पूर्ण राशि (राज्य की हिस्सा राशि)केंद्र सरकार वहन करे, ताकि केंद्र की इस योजना को धरातल पर यथार्थ रूप से क्रियान्वित किया जा सके। उन्होंने राज्य के 3 लाख 57 हजार 258 असहाय परिवारों को 2 माह के नि:शुल्क प्रति व्यक्ति 5 किलो गेहू और एक किलो चना आवंटित कराने का आग्रह किया।