राजस्थान के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने आगामी नवंबर में राजस्थान भर में चिकित्सा शिविर (Medical camps) आयोजित करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने इन शिविरों के तहत कोविड के कारण प्रभावित अन्य सभी बीमारियों का उपचार करने, आगामी बजट पूर्व 100 जनता क्लिनिक (Janta clinics) प्रारंभ करने, चिकित्सा योजनाओं की ब्रांडिंग ‘चिरंजीवी’ शब्द से करने, ब्रिज कोर्स कर चुके 350 सीएचओ को तत्काल नियोजित करने एवं 3500 सीएचओ की नई भर्ती प्रक्रिया तत्काल प्रारंभ करने के भी निर्देश दिए हैं।
चिकित्सा शिविरों में स्क्रीनिंग, जांच व उपचार की मिलेगी सुविधा
डा. शर्मा बुधवार, 1 सितंबर को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। इस बैठक में प्रमुख शासन सचिव अखिल अरोड़ा, सचिव सिद्धार्थ महाजन, एनएचएम निदेशक सुधीर शर्मा सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे। उन्होंने इस बैठक में देश के प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू आगामी जन्मतिथि 14 नवंबर से प्रदेश भर में आयोजित किए जाने वाले विशाल चिकित्सा शिविरों की अभी से ही व्यापक तैयारियां प्रारंभ करने के निर्देश दिये।
उन्होंने बताया कि इन चिकित्सा शिविरों में कोविड के कारण गत समय से प्रभावित अन्य सभी बीमारियों से पीड़ित रोगियों के उपचार की व्यवस्थाएं की जाएंगी। इन शिविरों में विभिन्न बीमारियों की स्क्रीनिंग व जांच की सुविधाएं, सभी प्रकार का टीकाकरण किया जायेगा और आवश्यकता पड़ने पर गंभीर रोगियों को आवश्यक उपचार के लिए एम्बुलेंस के जरिए प्रमुख अस्पतालों तक पहुंचाने की भी व्यवस्था की जाएगी।
बजट से पूर्व 100 जनता क्लिनिक प्रारंभ होंगे
डॉ. शर्मा ने प्रदेश में संचालित जनता क्लिनिक में दी जा रही चिकित्सा सुविधाओं की विस्तार से समीक्षा की। उन्होंने आगामी गांधी जयंती के दिन करीब दो दर्जन जनता क्लिनिक का शुभारंभ करने और आगामी बजट से पूर्व प्रदेश में 100 जनता क्लिनिक प्रारंभ करना सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। उन्होंने आमजन की सुविधा को ध्यान में रखते हुए जनता क्लिनिक की स्थापना के लिए उपयुक्त स्थल तलाशने के लिए भी कहा। जनता क्लिनिक के स्थान का चयन करते समय संबंधित क्षेत्र का जनसंख्या घनत्व, राजकीय चिकित्सा संस्थानों से दूरी इत्यादि पर ध्यान देने के निर्देश दिये।
3500 अतिरिक्त सीएचओ की होगी भर्ती
चिकित्सा मंत्री ने कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर्स द्वारा उपलब्ध करवायी जा रही चिकित्सा सुविधाओं की विस्तार से समीक्षा की और उन्हें प्रदान किये जा रहे प्रशिक्षण के बारे में भी जानकारी ली। उन्होंने ब्रिज कोर्स कर चुके 350 कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर्स को तत्काल नियोजित करने व चयनित सीएचओ का प्रशिक्षण 7 सितंबर से प्रारंभ करने के निर्देश दिये। उन्होंने प्रदेश की चिकित्सा आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए स्वीकृत 3500 अतिरिक्त सीएचओ की भर्ती प्रक्रिया तत्काल प्रारंभ करने के निर्देश दिये।
स्वास्थ्य योजनाओं की ब्रांडिंग ‘चिरंजीवी‘ शब्द के साथ
डॉ. शर्मा ने मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना की प्रगति की भी विस्तार से समीक्षा की। उन्होंने चिरंजीवी योजना के प्रचार-प्रसार के लिए सभी राजस्व ग्रामों में स्कूल, पंचायत भवन व अन्य सरकारी भवनों व चिकित्सा संस्थानों में डिजिटल वॉल पेंटिंग करवाने के निर्देश दिये। उन्होंने इस योजना के प्रति प्रदेशवासियों में जागरूकता बढ़ाने के लिए सभी चिकित्सा एवं स्वास्थ्य योजनाओं की ब्रांडिंग चिरंजीवी शब्द के साथ करने के भी निर्देश दिये। एम्बुलेंस, मोबाइल वैन व स्वास्थ्य सेवाओं के नाम में भी चिरंजीवी शब्द का प्रयोग किया जायेगा।
मरीजों व चिकित्सकों की सुरक्षा की होगी पुख्ता व्यवस्था
चिकित्सा मंत्री ने प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ीकरण और चिकित्सा संस्थानों में मूलभूत सुविधाओं के विस्तार पर जोर दिया। उन्होंने सभी चिकित्सा संस्थानों में सफाई व्यवस्था, लाउंड्री सर्विस व ट्रॉली-व्हीलचेयर व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए इन्हें आउटसोर्स करने पर बल दिया। उन्होंने मरीजों व चिकित्सकों की सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था के लिए केन्द्रीयकृत तरीके से एजेंसियों को अधिगृहीत करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि दिनों के अनुसार अलग-अलग रंगों की बैड शीट का उपयोग किया जाए।
अस्पताल प्रबंधन कैडर बनाने के निर्देश
डॉ शर्मा ने प्रदेश के राजकीय चिकित्सा संस्थानों के बेहतर प्रबंधन के लिए अस्पताल प्रबंधन कैडर बनाने के निर्देश दिए। इसमें अस्पताल प्रबंधन डिग्रीधारकों व सेना से जुड़े व्यक्तियों को शामिल किया जा सकेगा। उन्होंने नये मेडिकल कॉलेजों व उनसे जुड़े चिकित्सा संस्थानों का ऑडिट कंसल्टेंट आर्किटेक्ट से करवाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने नवनिर्मित मेडिकल कॉलेज व उनसे संबंधित चिकित्सालयों में सेंट्रल फूड कोर्ट बनाने तथा इंदिरा रसोई की भी सुविधा उपलब्ध करवाने के निर्देश दिये। उन्होंने राजकीय चिकित्सा संस्थानों में ऐलोपैथी के साथ आयुर्वेदिक, होम्योपैथी व अन्य वैकल्पिक चिकित्सा पद्धतियों की सुविधा भी एक ही स्थान पर उपलब्ध करवाने की आवश्यकता जताई।
बैठक में सवाई मानसिंह (एसएमएस) मेडिकल कॉलेज सहित प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों में स्थित डायग्नोस्टिक लैब को मरीजों की सुविधा के लिए एक ही स्थान पर शिफ्ट करने के भी निर्देश दिये गये। डॉ. शर्मा ने कहा कि ऐसी ही व्यवस्था प्रदेश में बनने जा रहे सभी नवीन मेडिकल कॉलेजों से सम्बद्ध अस्पतालों में भी सुनिश्चित की जानी चाहिये।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि प्रदेश के सभी सरकारी चिकित्सा संस्थानों में ट्रॉली एवं व्हील चेयर की व्यवस्था को माकूल बनाने के लिए इन्हें आउटसोर्स किया जाना सुनिश्चित करें। इसके साथ ही चिकित्सा मंत्री ने एनएचएम की निर्माण इकाई को ब्लॉक स्तर तक मजबूत बनाने के भी निर्देश दिये ताकि प्रदेश के सभी चिकित्सा संस्थानों में निश्चित समयावधि में ऑपरेशन एवं मेन्टेनेंस का काम किया जा सके। उन्होंने इसके लिए आवश्यक बजट का प्रावधान करने के लिए भी कहा।