कूटनीति

भारत-अमेरिका संबंधों की स्थिति मोदी की यात्रा से सुधरेगी

नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 12-13 फरवरी को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के निमंत्रण पर अमेरिका की यात्रा करेंगे। यह मोदी और ट्रंप के बीच पहला आधिकारिक संवाद होगा, क्योंकि ट्रंप ने हाल ही में अपने दूसरे कार्यकाल की शपथ ली है। मोदी, ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद अमेरिका की यात्रा करने वाले चौथे वैश्विक नेता होंगे।
यात्रा उद्देश्य के मुख्य बिंदु
इस यात्रा का उद्देश्य भारत-अमेरिका वैश्विक व्यापक रणनीतिक साझेदारी (Global Comprehensive Strategic Partnership) को और मजबूत करना तथा सभी क्षेत्रों में आपसी लाभ और भरोसेमंद संबंधों के लिए एक महत्वाकांक्षी एजेंडा तैयार करना है। प्रमुख फोकस निम्नलिखित विषयों पर होगा।
• व्यापार: द्विपक्षीय व्यापार सहयोग को बढ़ाना
• परमाणु ऊर्जा: ऊर्जा क्षेत्र में संयुक्त प्रयास
• रक्षा सहयोग: सैन्य साझेदारी को नई ऊंचाइयों तक ले जाना
• महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियां: विज्ञान, नवाचार और प्रौद्योगिकी सहयोग
• आतंकवाद विरोधी कार्रवाई: वैश्विक सुरक्षा को लेकर आपसी समन्वय
• इंडो-पैसिफिक रणनीति: हिंद-प्रशांत क्षेत्र में रणनीतिक सहयोग को बढ़ावा देना

इसके अलावा, व्यापार को लेकर मतभेद, जिसे ट्रंप “निष्पक्ष व्यापार की आवश्यकता” बताते हैं, अवैध प्रवास, और वीज़ा में देरी जैसे मुद्दे भी एजेंडे में शामिल होंगे। भारत, हाल ही में बाइडेन प्रशासन के तहत शुरू की गई iCET और IMEEC जैसी प्रमुख पहलों को आगे बढ़ाने के लिए ट्रंप के सहयोग की मांग करेगा।
हालांकि, ट्रंप ने भारत सहित कई देशों पर ऊंचे टैरिफ लगाने की धमकी दी है, लेकिन मोदी सरकार उम्मीद करेगी कि कम से कम एक लघु व्यापार समझौते (mini trade deal) की बातचीत फिर से शुरू हो, ताकि भारत को 2019 में जीएसपी (GSP) के तहत समाप्त किए गए व्यापार लाभ दोबारा मिल सकें और अमेरिका को भारतीय बाजार में अधिक पहुंच प्राप्त हो। इस यात्रा के दौरान मोदी की अमेरिकी व्यापारिक नेताओं से मुलाकात और एलन मस्क के साथ चर्चा की संभावनाएं भी बनी हुई हैं।
पूर्व वार्तालाप और बैठकें
• जून 2017: मोदी ने अमेरिका की यात्रा की
• फरवरी 2020: मोदी ने ट्रंप की भारत यात्रा की मेजबानी की
• नवंबर 2024 – जनवरी 2025: दोनों नेताओं ने दो बार फोन पर बातचीत की (6 नवंबर 2024 और 27 जनवरी 2025)
• जनवरी 2025: विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में भारत का प्रतिनिधित्व किया, जहां उन्होंने अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो से मुलाकात की और क्वाड विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लिया।
सहयोग के प्रमुख क्षेत्र
1) द्विपक्षीय संबंध
• भारत और अमेरिका ने 2005 में रणनीतिक साझेदारी शुरू की।
• फरवरी 2020 में ट्रंप की भारत यात्रा के दौरान इस साझेदारी को व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी का दर्जा दिया गया।
• ट्रंप के पहले कार्यकाल में इंडो-पैसिफिक क्षेत्र को अमेरिकी विदेश नीति में महत्वपूर्ण स्थान मिला।
• भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया ने क्वाड (Quad) संवाद को मजबूत किया, जिसे ट्रंप प्रशासन ने मंत्री-स्तरीय बैठक में बदला, और बाइडेन प्रशासन ने इसे लीडर्स समिट तक बढ़ाया।
2) व्यापार और निवेश
• अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदारों में से एक है, 2023 में कुल द्विपक्षीय व्यापार $190 बिलियन तक पहुंचा।
• भारत को अमेरिका के साथ $36 बिलियन का व्यापार अधिशेष है।
• 2023-24 में अमेरिका भारत में तीसरा सबसे बड़ा एफडीआई स्रोत था, जिसकी कुल निवेश राशि लगभग $5 बिलियन रही।
3) ऊर्जा साझेदारी
• अमेरिका भारत का छठा सबसे बड़ा ऊर्जा व्यापार साझेदार है।
• 2023-24 में भारत-अमेरिका हाइड्रोकार्बन व्यापार $13.6 बिलियन रहा।
4) शिक्षा और सांस्कृतिक सहयोग
• 2024 में भारत और अमेरिका ने पहली बार ‘संस्कृतिक संपत्ति समझौते’ पर हस्ताक्षर किए, जिससे प्राचीन वस्तुओं की अवैध तस्करी को रोका जा सके।
• 2016 से अब तक अमेरिका ने 578 प्राचीन भारतीय कलाकृतियां भारत को लौटाई हैं।
• अमेरिका भारतीय छात्रों के लिए उच्च शिक्षा का एक प्रमुख गंतव्य है।
5) रक्षा सहयोग
• 2005: भारत-अमेरिका रक्षा सहयोग की नई रूपरेखा तैयार की गई, जिसे 2015 में 10 साल के लिए नवीनीकृत किया गया।
• 2016: भारत और अमेरिका के बीच रक्षा साझेदारी को “प्रमुख रक्षा साझेदारी” (Major Defence Partnership) का दर्जा दिया गया।
• 2+2 मंत्रीस्तरीय संवाद भारत और अमेरिका के बीच शीर्ष रक्षा संवाद प्रणाली है।
• भारत अमेरिका के सबसे बड़े सैन्य अभ्यास भागीदारों में से एक है।
• 2008 से अब तक भारत ने अमेरिका से $20 बिलियन से अधिक मूल्य के रक्षा उपकरण खरीदे, जिनमें C-130J, C-17 और अपाचे हेलीकॉप्टर शामिल हैं।
6) विज्ञान, तकनीक और अंतरिक्ष सहयोग
• 2019 में विज्ञान और प्रौद्योगिकी सहयोग समझौता 10 वर्षों के लिए नवीनीकृत किया गया।
• NASA-ISRO सिंथेटिक एपर्चर रडार (NISAR) परियोजना के तहत, ISRO और NASA संयुक्त रूप से एक पृथ्वी-अवलोकन उपग्रह विकसित कर रहे हैं।
• जनवरी 2024: NASA और ISRO ने एक संयुक्त प्रयास के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) मिशन के लिए समझौता किया।
• भारत के दो अंतरिक्ष यात्रियों को Axiom-4 मिशन के लिए नामांकित किया गया है, और वे वर्तमान में अमेरिका में प्रशिक्षण ले रहे हैं।
• भारत और अमेरिका के बीच महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियों पर सहयोग मजबूत हुआ है।
• जनवरी 2023 में iCET (Initiative for Critical and Emerging Technology) पहल को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों (NSA) द्वारा लॉन्च किया गया था।
प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा भारत-अमेरिका संबंधों को नई दिशा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। जहां भारत व्यापार, रक्षा, और तकनीकी सहयोग को आगे बढ़ाने का इच्छुक है, वहीं अमेरिका व्यापार और रणनीतिक साझेदारी में संतुलन की अपेक्षा कर सकता है। यह देखना दिलचस्प होगा कि इस यात्रा के दौरान दोनों देश किन समझौतों पर सहमति जताते हैं और क्या यह संबंधों को अगले स्तर तक ले जाने में सफल होगी।

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