जयपुर। नगर निगम हैरिटेज 9 फरवरी को अपनी साधारण सभा की बैठक आयोजित करेगा। बैठक में निगम का बजट पेश करने के साथ-साथ अन्य मुद्दों पर भी चर्चा होगी, लेकिन कहा जा रहा है कि निगम यह बैठक गरीब सफाईकर्मियों के चूल्हे में पानी डालकर आयोजित कर रहा है।
निगम सूत्रों के अनुसार हैरिटेज के सफाईकर्मियों को पिछले करीब दो माह से वेतन नहीं मिल पाया है। ऐसे में उनके सामने अपना घर चलाने की बड़ी समस्या खड़ी हो गई है। इसके बावजूद निगम सफाईकर्मियों को दबाव बनाकर चुप कराने में लगा है, ताकि बैठक बिना किसी व्यवधान के आयोजित हो सके।
दो महीने से वेतन नहीं मिलने पर परेशान हैरिटेज निगम के सफाईकर्मी गुरुवार को हड़ताल पर जाने वाले थे। इसके लिए नोटिस भी दिया जा चुका था और मांग की गई थी कि सफाईकर्मियों को तुरंत वेतन का भुगतान किया जाए। हड़ताल की आशंका से बोर्ड के कान खड़े हो गए और मामला कांग्रेस के बड़े नेताओं तक पहुंचा दिया गया, क्योंकि यहां कांग्रेस का बोर्ड है।
कांग्रेस नेताओं और विधायकों ने इस मामले में सफाईकर्मियों को बुलाकर समझाने का प्रयास किया। उन्हें हड़ताल होने व बोर्ड बैठक में व्यवधान पड़ने पर हैरिटेज निगम और कांग्रेस की बेइज्जती का वास्ता देकर शांत करा दिया गया। उन्हें आश्वासन दिया गया कि बोर्ड बैठक के बाद उनके मसले को सुलझा दिया जाएगा।
इस समझाइश के बाद कहा जा रहा है कि सफाईकर्मियों ने हड़ताल को तो टाल दिया है, लेकिन बोर्ड बैठक के बाद वह वेतन समेत अन्य मुद्दों पर सख्त एक्शन ले सकते हैं। यदि सफाईकर्मियों ने हड़ताल कर दी तो स्वच्छ सर्वेक्षण के दौरान शहर की सफाई कराने में निगम के हाल खराब हो जाएंगे। यह सारी कवायद इस लिए की गई क्योंकि कांग्रेस को आशंका है कि बोर्ड बैठक में भाजपा कई मामलों पर उनको घेरने की तैयारी कर रही है। ऐसे में यदि बैठक से पहले हड़ताल हो जाती है तो भाजपा पार्षद बैठक में इस मामले को लेकर हंगामा मचा देंगे।