जयपुर

नाहरगढ़ अभ्यारण्य (Nahargarh Reserve) के ईको सेंसेटिव जोन में अब नहीं बन पाएंगे रिसॉर्ट (Resort), वन विभाग सख्त, विभिन्न विभागों को दिया नोटिस

जयपुर के नाहरगढ़ वन्यजीव अभ्यारण्य (Nahargarh Reserve) के ईको सेंसेटव जोन में दिल्ली रोड पर कूकस के पास कचेरावाला में काफी समय से दोहरे आवंटन वाली वन विभाग की जमीनों को रसूखदारों को बेचान करने कर खेल चल रहा था, लेकिन अब इस पर लगाम लग जाएगी क्योंकि इस मामले में वन विभाग सख्त हो गया है और अब यहां दोहरे आवंटन वाली जमीनों पर न तो फार्म हाउस बन पाएंगे और न ही रिसॉर्ट (Resort))।

अभ्यारण्य की आमेर रेंज के क्षेत्रीय वन अधिकारी ने इस संबंध में तहसीलदार आमेर और बिजली विभाग को पत्र भेजा है और कहा है कि ईको सेंसेटिव जोन में पड़ने वाली दोहरे आवंटन वाली जमीनों की रजिस्ट्री करने या फिर इन जमीनों पर विद्युत कनेक्शन जारी करने से पहले वन विभाग की सहमति ली जाये।

आमेर रेंज के रेंजर नरेश मिश्रा ने बताया कि अभ्यारण्य क्षेत्र स्थित ग्राम कचेरावाला और सिंगवाना ईको सेंसेटिव जोन में आते हैं। कचेरावाला में राजस्व विभाग ने वन भूमि पर दोहरे आवंटन कर रखे हैं। यहां किसानों द्वारा गैर मुमकिन खातेदारी के तहत वन भूमि पर कब्जा कर रजिस्ट्री व इकरारनामा के जरिये बाहर के लोगों को भूमि हस्तांतरित की जा रही है। बाहरी लोग इस भूमि का होटल व अन्य वणिज्यिक प्रयोग किया जा रहा है, जिसके चलते यह नोटिस भेजे गए हैं और संबंधित विभागों को ईको सेंसेटिव जोन के नियमों की पालना करनी ही होगी।

मिश्रा ने बताया कि ईको सेंसेटिव जोन में वन भूमि के दोहरे आवंटन के मामले की जानकारी फिर से जिला कलेक्टर के पास भिजवाई गई है और कोशिश की जा रही है कि यह दोहरा आवंटन निरस्त हो। जिला कलेक्टर से आग्रह किया गया है कि वह यहां चल रहे रिसोर्ट के लाइसेंस भी रद्द कराएं।

यह है मामला
आमेर तहसील के राजस्व अधिकारियों ने वर्ष 1990 के आस-पास वन विभाग की जमीनों का नामांतरण कुछ किसानों के नाम खोल दिया था, लेकिन वन विभाग ने इन जमीनों पर किसानों को आज तक काबिज नहीं होने दिया। अब यही किसान ओने-पौने दामों में दोहरे नामांतरण की जमीनों को रसूखदारों को बेच रहे हैं और रसूखदार वन विभाग को ठेंगा दिखाते हुए अपने रसूख के दम पर फॉर्म हाउस और रिसॉर्ट का निर्माण् कर रहे हैं। कचेरावाला में 60-70 बीघा वन विभाग की जमीन में अतिक्रमण कर होटल व रिसॉर्ट खोले जा रहे हैं। यहां वर्तमान में आधा दर्जन से अधिक रिसॉर्ट चल रहे हैं और इतने ही नए रिसॉर्ट बनाने की तैयारी है। ऐसे ही एक मामले में कुछ दिनों पूर्व आमेर रेंज ने कार्रवाई कर 4 हैक्टेयर वनभूमि से अतिक्रमण हटाए थे, जिससे रिसॉर्ट संचालकों में हड़कंप मचा हुआ है।

क्लियर न्यूज ने किया था खुलासा
उल्लेखनीय है कि क्लियरन्यूज डॉट लाइव ने 29 मई को ‘खुशखबरी! खुशखबरी! खुशखबरी! कोरोना काल में शुद्ध ऑक्सीजन चाहिए तो नाहरगढ़ आइये, रिसॉर्ट, फॉर्महाउस बनाने के लिए ईको सेंसेटिव जोन में वन विभाग की जमीन उपलब्ध’ खबर प्रकाशित कर वन भूमि के दोहरे आवंटन के मामले को प्रमुखता से उठाया था, जिसके बाद वन विभाग को इस मामले में कदम उठाना पड़ा है।

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