जयपुर शहर की सीवर व्यवस्था में एक बदलाव लाते हुए नगर निगम जयपुर हैरिटेज ने मंगलवार, 15 जून को शहर को 20 अत्याधुनिक थ्री इन वन जैटिंग मशीनों की सौगात दी। इन मशीनों के माध्यम से जयपुर हैरिटेज में भी अब दिल्ली और हैदराबाद की तरह सीवरेज सफाई का कार्य पूर्णत: मशीनों से होगा। मुख्य सचेतक डॉ. महेश जोशी, परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास, विधायक अमीन कागजी एवं रफीक खान, महापौर मुनेश गुर्जर, आयुक्त अवधेश मीणा, उपमहापौर असलम फारूखी ने हरी झण्डी दिखाकर इन मशीनों को रवाना किया।
रोडिंग, ग्रेविंग और जैटिंग तीनों काम एक मशीन करेगी
नगर निगम जयपुर हैरिटेज द्वारा जयपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड के माध्यम से 1500 लीटर क्षमता की 20 थ्री इन वन सीवर जैटिंग मशीनें खरीदी गई है। कुल 5 करोड़ 38 लाख रुपये की लागत से 20 मशीनें खरीदी गई है। एक मशीन की कीमत 26 लाख 68 हजार 500 रुपये है।
यह होगा उपयोग
रोडिंग-मशीन में एक-एक मीटर की 100 रॉड हैं जो एक दूसरे से जुड़ सकती है। वेनेडियम से बनी इन रॉडों को आपस में जोड़कर 100 मीटर तक दूर तक की रुकावट को सही किया जा सकता है। इससे पूर्व सीवर में रुकावट आने पर खप्पची का प्रयोग किया जाता था। इसमें आगे की रॉड पर 4 तरह के कटर लगाए जा सकते है जिनको सीवर लाइन में घुमाकर कपड़े, प्लास्टिक बैग, पेड की जड़ आदि रुकावटों को दूर किया जा सकता है।
ग्रेबिंग-मैन हॉल से सिल्ट/मलबे को कुदेर कर उठाने हेतु मशीन में हाईड्रोलिक संचालित बकेट लगी हुई है। इससे मैनहॉल की सफाई पूर्णत: मशीन से होगी और मैनहॉल की सफाई हेतु मानवीय प्रयोग नहीं होगा। जेटिंग उपकरण का उपयोग सीवर चैकिंग की समस्या निस्तारण हेतु किया जाएगा।
मुख्य सचेतक डॉ. महेश जोशी ने इसे शहर के लिये बड़ी सौगात बताते हुये गांधी जी के सपनों को पूरा करने की दिशा में बड़ा कदम बताया। उन्होंने कहा कि इन मशीनों के आने से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मंशा के अनुरूप मैनहॉल की सफाई के लिये मानव के प्रयोग पर पूर्णत: रोक लगेगी।
परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि मानवता की दृष्टि से सभी मानव बराबर है ,उनमें कोई भी भेद नहीं है। इस आधुनिक युग में भी यदि कोई व्यक्ति सीवरेज सफाई हेतु मैनहॉल में उतरता है तो यह मानवीय गरिमा के खिलाफ है। जयपुर हैरिटेज निगम द्वारा मानवीय मूल्यों की रक्षा के लिये यह बड़ा कदम उठाया गया है।