महिला शिक्षा के क्षेत्र में दुनिया की सबसे बड़ी निजी यूनिवर्सिटी बनस्थली विद्यापीठ (Banasthali Vidyapeeth) के वाइस चांसलर प्रोफेसर आदित्य शास्त्री का सोमवार, 24 मई की रात जयपुर के फोर्टिस अस्पताल में निधन हो गया। वे कोरोना से पीड़ित थे और कुछ दिनों से अस्पताल में भर्ती थे। वे 57 वर्ष के थे।
प्रोफेसर शास्त्री गांधीवादी विचारों से प्रेरित रहे और वे महिलाओं की शिक्षा को समर्पित उत्कृष्ट केंद्र वनस्थली विश्वविद्यालय का विभिन्न चुनौतियों के बीच सफलतापूर्वक संचालन कर रहे थे। उन्होंने शिक्षा परिसर में खादी के लिए महात्मा गांधी के आग्रह सहित पुराने मूल्यों को बरकरार रखते हर आधुनिक सुविधाओं और शिक्षा की व्यवस्था की। वे लगातार शिक्षकों और छात्राओं के साथ संवाद बनाए रखते थे। प्रो. आदित्य शास्त्री राजस्थान के पहले मुख्यमंत्री और बनस्थली विद्यापीठ के संस्थापक हीरालाल शास्त्री के पोते और शिक्षाविद् दिवाकर शास्त्री के पुत्र थे।
उन्होंने अपनी शिक्षा बिट्स पिलानी से पूर्ण की और फिर वे उच्च शिक्षा प्राप्ति के लिए अमरीका चले गये। वहां उन्होंने स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ न्यूयॉर्क से मास्टर्स डिग्री ली। इसके बाद उन्होंने मैसाचुसेट्स इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से 1990 में पीएचडी की उपाधि ग्रहण की। करीब एक वर्ष उन्होंने टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च (टीआईएफआर) में कार्य किया। इसके बाद वे बनस्थली विद्यापीठ, निवाई आ गये और फिर यहीं अपनी सेवाएं देते रहे।