जयपुर

अब बीमित (insured) काश्तकारों (farmers) को फसल खराबे (crop damage) की सूचना 72 घण्टे में देना जरूरी, अब तक 10 हजार सूचनाएं (information) मिली

जयपुर। राज्य में मौसम की विपरीत परिस्थितियों के कारण हुए फसल नुकसान की प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनांतर्गत भरपाई के लिए बीमित (insured) काश्तकारों (farmers) को 72 घण्टे के भीतर (11 जनवरी तक) सम्बंधित जिले में कार्यरत बीमा कम्पनी को खराबे की सूचना (information) देना जरूरी है। राज्यभर से सोमवार शाम तक 10 हजार से अधिक ऎसी सूचनाएं बीमा कंपनियों को मिल चुकी हैं।

कृषि मंत्री लालचन्द कटारिया ने बताया कि वर्तमान में मौसम की विपरीत परिस्थितियों के कारण किसानों की फसलों में नुकसान हुआ है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना अन्तर्गत ओलावृष्टि व जलभराव के कारण बीमित फसल में नुकसान होने पर किसान को व्यक्तिगत आधार पर बीमा आवरण उपलब्ध कराया गया है।

उन्होंने बताया कि बीमित फसल को ओलावृष्टि या जलभराव के कारण नुकसान होने पर घटना के 72 घण्टे के भीतर जिले में कार्यरत बीमा कंपनी को सूचना देना आवश्यक है। इसकी सूचना बीमा कंपनी के टोल फ्री नम्बर अथवा क्रोप इंश्योरेंस ऎप के माध्यम से दी जा सकती है। इसके अलावा प्रभावित बीमित किसान जिलों में कार्यरत बीमा कंपनी, कृषि कार्यालय अथवा संबंधित बैंक को भी हानि प्रपत्र भरकर सूचना दे सकते हैं।

कटारिया ने बताया कि राज्य में अब तक 10041 हानि सूचनाएं बीमा कंपनियों को प्राप्त हो चुकी हैं। बीमा कंपनियां किसानों से 11 जनवरी तक फसल खराबे की सूचना लेंगी। इसलिए अब तक खराबे की सूचना नहीं देने वाले किसान समय पर सूचना दर्ज कराएं ताकि योजना के प्रावधानों के मुताबिक बीमा लाभ दिया जा सके।

कृषि मंत्री ने सभी बीमा कंपनियों को टोल फ्री नम्बर 24 घण्टे निर्बाध रूप से कार्यरत रखने के निर्देश दिए हैं। साथ ही क्षेत्रीय अधिकारियों को प्रभावित एवं बीमित फसल के किसानों के आवेदन पत्र भराने के लिए पाबन्द किया है।

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