कोरोना की दूसरी लहर से बचाव के लिए प्रदेश सरकार ने सख्त कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। प्रदेश के जिन नगरीय क्षेत्रों में रात 11 बजे से नाइट कर्फ्यू लगाया गया है वहां अब रात 10 बजे से सुबह 5 बजे तक नाइट कर्फ्यू रहेगा। अजमेर, भीलवाड़ा, जयपुर, जोधपुर, कोटा, उदयपुर, सागवाड़ा एवं कुशलगढ़ के साथ-साथ अब चित्तौडग़ढ़ और आबूरोड़ में भी नाइट कर्फ्यू रहेगा।
सभी नगरीय क्षेत्रों में अब बाजार रात 10 बजे के स्थान पर एक घंटे पूर्व 9 बजे बंद करने होंगे। आईटी कंपनियां, रेस्टोरेंट, कैमिस्ट शॉप, अनिवार्य एवं आपातकालीन सेवाओं से संबंधित कार्यालय, विवाह संबंधी समारोह, चिकित्सा संस्थान, बस स्टैण्ड, रेलवे स्टेशन एवं एयरपोर्ट से आने-जाने वाले यात्री, माल परिवहन करने वाले वाहन तथा लोडिंग एवं अनलोडिंग के नियोजित व्यक्ति नाइट कर्फ्यू की व्यवस्था से पहले की तरह मुक्त होंगे।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश को कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर से बचाने के लिए सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि विगत दिनों में कोविड प्रोटोकॉल की पालना में हुई लापरवाही के कारण कोरोना के केस तेजी से बढ़े। इसे देखते हुए उन्होंने कोविड गाइडलाइन की पालना न करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने, नाइट कर्फ्यू का समय बढ़ाने सहित अन्य पाबंदियां पुन: लागू करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि संक्रमण की रोकथाम में कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
गहलोत बुधवार को मुख्यमंत्री निवास पर वीडियो कॉफ्रेंस से कोविड-19 तथा वैक्सीनेशन की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जिन क्षेत्रों में अधिक केस सामने आते हैं, वहां जिला कलक्टर राज्य सरकार से परामर्श कर शैक्षणिक संस्थान बंद कराने के संबंध में निर्णय ले सकेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में कोरोना प्रोटोकॉल का उल्लंघन होता है तो उल्लंघन करने वाले के साथ-साथ संबंधित प्रतिष्ठान संचालक को भी जिम्मेदार माना जाएगा और ऐसे प्रतिष्ठानों को सीज किया जाएगा। जिला प्रशासन, पुलिस एवं स्थानीय निकाय की संयुक्त टीम बाजारों का दौरा कर प्रतिष्ठानों में कोविड प्रोटोकॉल की पालना सुनिश्चित करें।
ये टीमें 14 अप्रेल तक सघन निरीक्षण करेंगी और उल्लंघन पाए जाने पर जुर्माना और सीज की कार्रवाई भी कर सकेंगी। जिन विवाह स्थलों पर निर्धारित सीमा से अधिक लोग एकत्रित होते हैं तो ऐसे विवाह स्थलों को सीज किया जा सकेगा।
मुख्यमंत्री ने जिला कलक्टरों को निर्देश दिए कि वे कोरोना को लेकर अपने-अपने जिले का एक्शन प्लान बनाएं और पॉजिटिविटी रेट, मृत्यु दर, टेस्टिंग आदि की नियमित समीक्षा करें। कांटेक्ट ट्रेसिंग, माइक्रो कंटेनमेंट जोन और टेस्टिंग बढ़ाने पर विशेष जोर दें। जिला स्तर पर स्थापित नियंत्रण कक्षों को पुन: प्रभावी बनाएं। इंसीडेंट कमांड सिस्टम को पुन: मजबूत किया जाए। ‘नो मास्क-नो एंट्री’ की सख्ती से पालना हो। टीकाकरण की गति को बढाया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में बीते कुछ दिनों से देश के अन्य राज्यों के साथ ही हमारे यहां भी केसेज तेजी से बढ़े हैं। कोराना से जीती हुई जंग कहीं हम हार न जाएं, इसके लिए जरूरी है कि लोग अति-आवश्यक होने पर ही दूसरे राज्यों की यात्रा करें। इन कड़े कदमों से लोगों को कुछ तकलीफ हो सकती है लेकिन जीवन रक्षा के लिए ऐसे निर्णय लिया जाना जरूरी है।
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मुख्यमंत्री ने कार्य बहिष्कार कर रहे पटवारियों से अपील की है कि वे कोरोना संक्रमण की स्थिति को देखते हुए काम पर लौटें। सभी पटवारियों ने पूर्व में भी कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए फ्रंटलाइन वर्कर्स के रूप में अहम भूमिका निभाई थी। राज्य सरकार उनकी वाजिब मांगों पर समुचित निर्णय लेने का प्रयास करेगी।