राजनीति के दिग्गज, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मोतीलाल वोरा का निधन हो गया है। वे 93 वर्ष के थे और राजनीति में अंतिम समय तक सक्रिय थे। दो दिन पहले तबीयत खराब होने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां इलाज के दौरान उन्होंने अंतिम सांस ली।
राजनीति के ‘ दद्दू’ 93 वर्षीय वोरा
वोरा की जीवन के नब्बे के दशक में भी सक्रियता लोगों के लिए प्रेरणा का काम करती थी। उन्होंने कांग्रेस पार्टी में दो दशकों तक कोषाध्यक्ष रहने के अतिरिक्त बहुत सी जिम्मेदारियां निभाईं। लोग उन्हें प्यार से ‘दद्दू’ के नाम से संबोधित किया करते थे। उनके बारे में कहा जाता है कि उन्होंने कोषाध्यक्ष रहते हुए पार्टी के खर्चों की पाई-पाई का हिसाब रखा और जरा सा भी फिजूल खर्च होने दिया।
साधारण से साधारण व्यक्ति के लिए थे सुलभ
मोतीलाल वोरा पत्रकारों में बेहद लोकप्रिय थे। उन्होंने कई समाचार पत्रों में काम किया। यही वजह थी कि पत्रकारों के किसी भी टेढ़-मेढ़े सवालों में घिरने की बजाय वे पूरी वाक्पटुता के साथ उनका उत्तर दिया करते थे। वे नियमित तौर पर पार्टी कार्यालय पहुंचते थे। कांग्रेस के 24 अकबर रोड स्थित कार्यालय पर कोई भी साधारण से साधारण व्यक्ति उनसे मुलाकात कर सकता था। उन्होंने अपने जीवन में एक लंबी सियासी पारी खेली और वे गांधी परिवार में सोनिया गांधी और राहुल गांधी के ही नहीं बल्कि नरसिम्हा राव के भी करीबी माने जाते थे।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री और उत्तर प्रदेश के राज्यपाल भी रहे वोरा
वोरा मार्च 1985 से फरवरी 1988 तक मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे। इसके अलावा वे केंद्र सरकार में उन्होंने कैबिनेट मंत्री की जिम्मेदारी भी संभाली। वर्ष 1993 में वे उत्तर प्रदेश के राज्यपाल भी बने और उन्होंने इस पद की जिम्मेदारी तीन वर्ष तक संभाली। मध्य प्रदेश के हिस्से को अलग करके नया राज्य बनाये गये छत्तीसगढ़ के मूल रूप के रहने वाले मोतीलाल वोरा का जन्म 20 दिसंबर 1928 को राजस्थान के नागौर जिले में हुआ था। उनका विवाह शांति देवी वोरा से हुआ था। उनकी चार बेटियां और दो बेटे हैं। देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कांग्रेस और अन्य पारियों के राजनेताओं ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है।