चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन से फोन पर बात की और पत्र लिखकर राज्य में दैनिक मेडिकल ऑक्सीजन उपभोग की मांग के अनुरूप राष्ट्रीय प्लान में आवंटित तरल मेडिकल ऑक्सीजन की निर्धारित मात्रा को तत्काल बढ़ाकर 250 मैट्रिक टन तथा इस माह के अंत तक 325 मैट्रिक टन करने का आग्रह किया। उन्होंने राज्य की आपात स्थिति को देखते हुए 120 मैट्रिक टन तरल मेडिकल ऑक्सीजन तत्काल उपलब्ध करवाने का आग्रह किया है। इसी के साथ कोरोनो के उपचार में काम आने वाली रेमडेसिविर की आपूर्ति भी सुनुश्चित करने का आग्रह किया।
शर्मा ने तरल मेडिकल ऑक्सीजन के सुचारू व सुगम परिवहन के लिए 100 मैट्रिक टन क्षमता के तथा सात दिवस बाद 200 मैट्रिक टन क्षमता के पर्याप्त टेंकर उपलब्ध कराने का भी आग्रह किया। उन्होंने पत्र में लिखा कि राजस्थान में कोविड-19 से संक्रमित मरीजों की संख्या व संक्रमण स्तर में निरन्तर अप्रत्याशित वृद्धि हो रही है। राजस्थान में 85 हजार से अधिक एक्टिव केसेज हैं तथा इनकी संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है। इसके कारण राज्य में मेडिकल ऑक्सीजन की मांग भी निरन्तर बढ़ रही है।
शर्मा ने कहा रेमडेसिविर की मांग भी बढ़ रही है। राजस्थान इस संबंध में पहले से तैयार था एवं दवा कम्पनी के साथ में रेट कांट्रेक्ट कर रखे थे। केसेज की संख्या बढऩे पर पिछले दो सप्ताह में कुल 1 लाख 5 हजार के क्रयादेश सिप्ला, कैडिला और मेलान को जारी किये गये। इसके बावजूद कुल 17 हजार 770 वायल ही प्राप्त हो सके। सिप्ला द्वारा राजस्थान की 2 हजार वायल गोआ सरकार के हस्तक्षेप करने से रोक ली। मेलान द्वारा भेजे जाने वाली 3 हजार वायल भी कल कर्नाटक के हस्तक्षेप के कारण नहीं मिले।
राज्य में प्रतिदिन 250 मैट्रिक टन ऑक्सीजन की आवश्यकता है और प्रतिदिन उपभोग में 10-12 मैट्रिक टन की वृद्धि हो रही है। माह के अंत तक राज्य में ऑक्सीजन उपभोग 325 मैट्रिक टन प्रतिदिन होने की संभावना है। जबकि राष्ट्रीय प्लान में राजस्थान को आवंटित ऑक्सीजन की मात्रा 160 मैट्रिक टन है, जो अपर्याप्त है। राजस्थान को जामनगर के रिलायंस उद्योग से 35 मैट्रिक टन, मैसर्स आईनॉक्स एयर प्रोडक्ट प्राइवेट लिमिटेड, भिवाड़ी से आवंटित 65 मैट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति पूर्ण रूप से नहीं की जा रही। जबकि प्लान में अन्य कम संक्रमण वाले राज्यों को राजस्थान से अधिक ऑक्सीजन का आवंटन किया गया है।
चिकित्सा मंत्री ने लिखा कि भारत सरकार ने प्लान में भिवाडी औद्योगिक क्षेत्र में स्थित आइनॉक्स कंपनी से राजस्थान को 65 मैट्रिक टन, मध्यप्रदेश को 40 मैट्रिक टन व दिल्ली को 15 मैट्रिक टन ऑक्सीजन का आवंटन किया गया है, लेकिन आईनॉक्स ने अपने स्तर से ही प्लान के विपरीत अन्य राज्यों को भी ऑक्सीजन की आपूर्ति की है। इस संदर्भ में अलवर जिला कलक्टर ने भी सूचित कर दिया था। कंपनी द्वारा प्लान के विपरीत हरियाणा को 25.57 मैट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति की गई। दिल्ली को निर्धारित मात्रा के विपरीत 22.86 मैट्रिक टन ऑक्सीजन आपूर्ति की गई है।