जयपुर (Jaipur) के राजस्थान कॉलेज (Rajasthan College) परिसर में शनिवार, 13 नवंबर को कुछ मुस्लिम विद्यार्थियों द्वारा नमाज (offering Namaz) अदा की गयी और नमाज अदा करने वालों को कॉलेज के एक शिक्षक और गार्ड ने उन्हें रोक दिया। इस घटना ने अब राजनीतिक तूल पकड़ लिया है।
घटना को लेकर कांग्रेस के छात्र संगठन नेशनल स्टूडेंट यूनियन आफ इंडिया (NSUI) ने छात्रों को कॉलेज परिसर में नमाज पढ़ने से रोकने वाले शिक्षक व गार्ड के खिलाफ कार्रवाई किये जाने की मांग उठाई है। इसी के साथ भारतीय जनता पार्टी से संबद्ध के छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने भी चेतावनी दी है कि अगर कॉलेज परिसर में नमाज अदा की गई, तो बड़ा आंदोलन किया जायेगा।
नमाज रोकने पर शिक्षक को बर्खास्त करने की मांग
एनएसयूआई की राजस्थान विश्वविद्यालय इकाई अध्यक्ष अमरदीप परिहार का कहना है कि विद्यार्थी की परीक्षा थी और इसी वजह से उसने समय मिलते ही कॉलेज की इमारत के बाहर खुले मैदान में नमाज अदा की। कॉलेज कैंपस के बाहर नमाज अदा करने से रोकना गलत है इसीलिए हमने संबंधित शिक्षक को बर्खास्त करने की मांग को लेकर कुलपति को ज्ञापन सौंपा है।
एनएसयूआई के ही जयपुर जिला इकाई अध्यक्ष राजेश चौधरी का कहना है कि शिक्षक आरएसएस एवं संघ से जुड़ा है और इसीलिए उसे कॉलेज के बाहर खुले में नमाज पढ़ रहे विद्यार्थी से भी आपत्ति हुई। उन्होंने कहा कि किसी भी व्यक्ति को धर्म के नाम पर प्रताड़ित करना गलत है।
आंदोलन की चेतावनी
वहीं एनएसयूआई के आधिकारिक बयान के विपरीत एबीवीपी के कार्यकर्ता कॉलेज परिसर में नमाज अदा किये जाने को रोकने को लेकर शिक्षक और गार्ड के समर्थन में आ गये हैं। एबीवीपी ने छात्रों को कॉलेज परिसर में नमाज अदा करने से रोकने को सही करार दिया है। एबीवीपी के प्रदेश मंत्री होशियार सिंह मीणा का कहना है कि कुछ लोग कॉलेज परिसर को धार्मिक अखाड़ा बनाने में जुटे हैं और विद्यार्थी परिषद ऐसा नहीं होने देगी। अगर शिक्षक और गार्ड के खिलाफ कोई कार्रवाई हुई या परिसर में भविष्य में नमाज अदा की गई, तो विद्यार्थी परिषद आंदोलन करेगी।