राजस्थान (Rajasthan) के पशुपालन विभाग द्वारा ऊष्ट्र (ऊँट) बाहुल्य क्षेत्रों में 24 जुलाई से 28 अगस्त तक प्रत्येक शनिवार को ऊँट (Camel) बाहुल्य क्षेत्रों में कुल 815 ऊष्ट्र कल्याण शिविर आयोजित किये गये। इन शिविरों में 27 हजार 105 ऊँटों का उपचार (treated) किया गया।
पशुपालन मंत्री लालचन्द कटारिया ने राज्य पशु ऊँटों की घटती संख्या पर चिंता जताते हुए कहा कि इस समस्या को दूर करने के लिए समूचे प्रदेश में ऊँट बाहुल्य क्षेत्रों में शिविर आयोजित कर ऊष्ट्र वंश की वृद्वि के लिए प्रयास किये जा रहे है। उन्होंने बताया कि ऊँट बाहुल्य क्षेत्रों में 24 जुलाई से 28 अगस्त तक प्रत्येक शनिवार को चलाये गये इस अभियान के तहत शिविरों का आयोजन किया गया है।
कटारिया ने बताया कि इन शिविरों में 21 हजार 662 ऊँटों में सामान्य चिकित्सा, 4 हजार 992 ऊँटों में सर्रा बीमारी की चिकित्सा एवं 451 ऊँटों में शल्य चिकित्सा सहित कुल 27 हजार 105 ऊँटों का उपचार किया गया। उन्होंने बताया कि इस दौरान गोष्ठियां आयोजित कर 6 हजार159 ऊँटपालकों को भी ऊँटों की बीमारियों व उपचार के विषय में जानकारी देकर लाभान्वित किया गया।
पशुपालन विभाग की शासन सचिव डॉ आरुषी मलिक ने बताया कि ऊष्ट्र कल्याण शिविरों में ऊँटों की चिकित्सा एवं स्वास्थ्य परीक्षण के साथ-साथ ऊँटों में पाये जाने वाले तिबरसा (सर्रा) रोग की जांच कर आवश्यक उपचार भी किया गया है। मलिक ने बताया कि विभाग द्वारा चलाये गये ऊष्ट्र कल्याण अभियान के तहत ऐसे ही और भी शिविर भविष्य में भी आयोजित किये जाते रहेंगे।