जयपुर

ओवैसी ने राजस्थान को 3 ओर से घेरा, विधानसभा चुनावों में जमाएगा डेरा

जयपुर। एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने उत्तर और मध्य भारत का रुख कर लिया है। उत्तर प्रदेश के बाद मध्यप्रदेश और गुजरात में पांव फैला कर राजस्थान को तीन ओर से घेरा जा चुका है। ऐसे में कहा जा रहा है कि तीन साल बाद राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में होने वाले विधानसभा चुनावों में ओवैसी अपना डेरा पूरी तरह से जमा लेंगे। ओवैसी के बढ़ते कदमों से घबराई राजस्थान कांग्रेस ने भी एआईएमआईएम के प्रभाव को दूर करने की कोशिशें तेज कर दी है।

बीटीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष छोटूभाई वसावा ने ट्वीट कर एआईएमआईएम से गठबंधन की जानकारी दी

शनिवार को एआईएमआईएम और बीटीपी के बीच गुजरात में होने वाले नगरीय निकाय चुनावों को लेकर गठबंधन हो गया। मध्यप्रदेश में होने वाले नगरीय निकायों में भी एआईएमआईएम अपने उम्मीदवार खड़े करने की तैयारी कर रही है। इसका खुलासा होते ही राजस्थान में कांग्रेस हरकत में आ गई। बीटीपी के विधायक राजकुमार रोत मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मिलने पहुंचे। हालांकि दोनों के बीच हुई बातचीत को लेकर ज्यादा कोई खुलासा नहीं हो पाया है, लेकिन राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि कांग्रेस की ओर से नाराज बीटीपी को मनाने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है।

कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि सरकार बचाने के लिए जिस तरह बसपा के विधायकों को कांग्रेस में मिलाया गया, कुछ ऐसे ही बीटीपी राजस्थान के विधायकों को भी फिर से सरकार के पक्ष में लाया जा सकता है। बीटीपी राजस्थान के पदाधिकारियों को भी खुश करके कांग्रेस प्रदेश के आदिवासी इलाकों में फिर से अपने पांव जमाने की रणनीति पर चल रही है।

उत्तर प्रदेश को देखकर शुरू हुई कवायद

ओवैसी की पार्टी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के लिए अभी से तैयारियों में जुटी है और कुछ समय पूर्व ही ओवैसी ने वहां के छोटे दलों के साथ गठबंधन किया है। ऐसे में राजस्थान में कांग्रेस की ओर से कोशिश की जा रही है कि ओवैसी छोटे दलों के साथ गठबंधन नहीं कर पाए। इसी के चलते बीटीपी को साधा जा रहा है, क्योंकि यदि ओवैसी छोटे दलों के साथ गठबंधन करते हैं तो वह कांग्रेस को ज्यादा नुकसान पहुंचाने में कामयाब हो जाएंगे।

कांग्रेस सतर्क, ओवैसी को राजस्थान की जल्दी नहीं

उल्लेखनीय है कि क्लियर न्यूज ने 15 दिसंबर को ‘बीटीपी मामले ने 4 राज्यों में ओवैसी को परोसी राजनीतिक जमीन’ खबर प्रकाशित कर बताया था कि बीटीपी मामले ने ओवैसी को चार राज्यों राजस्थान, गुजरात, मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र की सियासत में अपनी किस्मत आजमाने की न्यौता दे दिया है, क्योंकि इन चारों राज्यों में आदिवासी समाज की बड़ी संख्या है।

डूंगरपुर जिला परिषद मामले को लेकर कांग्रेस और बीटीपी के संबंधों में खटास आ गई थी। इस बीच ओवैसी ने बीटीपी के साथ पींगे बढ़ानी शुरू कर दी थी। ऐसे में राजस्थान में ओवैसी की एंट्री को रोकने के लिए कांग्रेस सतर्क हो चुकी है, लेकिन ओवैसी राजस्थान को लेकर अभी जल्दबाजी में नहीं है, क्योंकि राजस्थान और महाराष्ट्र में आने वाले दिनों में कोई बड़ा चुनाव नहीं है।

Related posts

जयपुर में हुए गोगामेड़ी हत्याकांड से पूरे राजस्थान में विरोध प्रदर्शन चरम पर, पुलिस को करनी पड़ रही है खासी मशक्कत

Clearnews

सलमान खान के वकील ह्स्तीमल सारस्वत को लॅारेंस गैंग के नाम पर धमकी

admin

जल जीवन मिशन (Jal Jeevan Mission) : राजस्थान (Rajasthan) में 21 हजार से अधिक गांवों के लिए हो रहा विलेज एक्शन प्लान( village action plan) तैयार

admin