आर्थिकइस्लामाबाद

मुस्लिम दोस्त देश भी मदद से मुकरे..अब बिकेगा कराची बंदरगाह

पाकिस्तान की सरकार देश को डिफॉल्ट से बचाने के लिए अब कराची बंदरगाह को बेचने जा रही है। पाकिस्तान सरकार और यूएई की सरकार के बीच इस डील को लेकर बातचीत तेज हो गई है। इस बीच शहबाज सरकार ने 1 दर्जन देशों से आईएमएफ से लोन दिलवाने के लिए गुहार लगाई है।
महाकंगाली झेल रहा पाकिस्तान डिफॉल्ट होने की कगार पर है और अब अपने कराची बंदरगाह को संयुक्त अरब अमीरात को बेचने जा रहा है। पाकिस्तान ने एक कमिटी का गठन किया है ताकि कराची पोर्ट टर्मिनल को यूएई को सौंपने के लिए डील को अंतिम रूप दिया जा सके। पाकिस्तान सरकार ने आपातकालीन फंड हासिल करने के लिए पिछले साल एक कानून बनाया था और अब उसी के तहत कराची पोर्ट टर्मिनल को यूएई दिया जा रहा है। इस बीच पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने दुनिया के एक दर्जन देशों से गुहार लगाई कि वे आईएमएफ से लोन दिलवा दें।
यूएई से चल रही है बातचीत
पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक पाकिस्तान सरकार और यूएई की सरकार के बीच कराची बंदरगाह को लेकर बातचीत चल रही है। पाकिस्तान सरकार को अब कहीं से लोन नहीं मिल रहा है, इसी वजह से वह अब तेजी से अपनी संपत्तियां बेच रही है। अगर पाकिस्तान को पैसा नहीं मिला तो वह श्रीलंका की तरह से डिफॉल्ट हो जाएगा। इससे पहले यूएई ने साफ कर दिया कि वह अब पाकिस्तान को तब तक कोई लोन नहीं देगा जब तक कि शहबाज सरकार देश की कोई संपत्ति उसके हवाले नहीं करती है।
दुनिया के 12 देशों से शहबाज शरीफ ने लगाई गुहार
यूएई ने कहा कि वह पाकिस्तान को 1 अरब डॉलर देगा ताकि उसे आईएमएफ से लोन मिल सके लेकिन अभी तक उसने इसे जारी नहीं किया है। हालांकि विश्लेषक अब पाकिस्तान सरकार को इस तरह की पहली डील के लिए आगाह भी कर रहे हैं। इस बीच पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने अंतिम प्रयास के तहत सोमवार को करीब 1 दर्जन प्रभावशाली देशों से गुहार लगाई कि वे आईएमएफ से लोन दिलवाने में उनकी मदद करें। पाकिस्तान आईएमएफ से 6।5 अरब डॉलर का बेलआउट पैकेज चाह रहा है।
कई देशों के राजदूतों से मुलाकात
शहबाज शरीफ ने पश्चिमी देशों, यूरोपीय और एशियाई देशों के राजदूतों से मुलाकात की है। यह बैठक ऐसे समय पर हुई है जब आईएमएफ प्रोग्राम के एक्पायर होने में अब बस 11 दिन ही बचे हैं। माना जा रहा है कि इस लोन हासिल करने के लिए यह शहबाज का आखिरी दांव था। शहबाज ने इन राजदूतों से कहा कि वे लोन हासिल करने में मदद करें। जिन देशों के राजदूतों के आगे शहबाज शरीफ गिड़गिड़ाए हैं, उनमें अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, जापान, चीन, सऊदी अरब, कतर और यूएई के शामिल हैं। कई राजदूतों ने शहबाज शरीफ से लोन पर सफाई तक मांग ली। शहबाज सरकार ने इस बैठक को गोपनीय रखा था और अब इसका खुलासा पाकिस्तानी मीडिया ने सूत्रों के हवाले से किया है।

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