इस्लामाबाद। संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने पाकिस्तानी नागरिकों को वीजा जारी करना बंद कर दिया है। यह कदम पाकिस्तानी नागरिकों द्वारा वीजा नियमों के उल्लंघन और आपराधिक गतिविधियों में शामिल होने के आरोपों के बाद उठाया गया है।
वीजा प्रतिबंध: मौजूदा स्थिति और राजदूत की प्रतिक्रिया
• समस्या: पाकिस्तानी नागरिकों को वीजा मिलने में परेशानी हो रही है।
• राजदूत की सफाई:
o पाकिस्तान के राजदूत फैसल नियाज तिरमिजी ने स्वीकार किया कि वीजा समस्या गंभीर है।
o उन्होंने कहा कि वीजा आवेदन में रिटर्न टिकट, होटल बुकिंग और 3000 दिरहम अनिवार्य किए गए हैं।
o राजदूत ने FIA को निर्देश दिया कि संदिग्ध व्यक्तियों को यात्रा से रोका जाए।
यूएई के वीजा प्रतिबंध के कारण
1. वीजा नियमों का उल्लंघन
• फर्जी दस्तावेज: पाकिस्तानी नागरिक फर्जी पासपोर्ट, डिग्री और अन्य जाली दस्तावेजों का उपयोग कर रहे थे।
• सोशल मीडिया पर गलत व्यवहार:
o यूएई सरकार की नीतियों की आलोचना।
o सोशल मीडिया पोस्ट से कानून-व्यवस्था में बाधा उत्पन्न करना।
2. आपराधिक गतिविधियां
• उल्लेखनीय अपराध:
o चोरी, धोखाधड़ी, भीख मांगना, वेश्यावृत्ति।
o नशीली दवाओं से संबंधित अपराध।
• आंकड़े: अन्य प्रवासी समुदायों की तुलना में पाकिस्तानी नागरिकों की अपराधों में भागीदारी अधिक पाई गई।
3. राजनीतिक गतिविधियां और विरोध प्रदर्शन
• पाकिस्तानी नागरिक यूएई में राजनीतिक विरोध प्रदर्शनों में शामिल हो रहे थे, जो अमीराती कानूनों का उल्लंघन है।
यूएई का रुख और कार्रवाई
• शून्य-सहिष्णुता नीति: यूएई ने कहा कि सुरक्षा और स्थिरता को खतरे में डालने वाली किसी भी गतिविधि को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
• कैबिनेट का निर्णय:
o यूएई मंत्रिमंडल ने पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा प्रतिबंध पर सहमति जताई।
o स्थानीय अधिकारियों और पाकिस्तानी राजदूत के बीच हुई बैठकों के बाद यह फैसला लिया गया।
पाकिस्तानी नागरिकों पर असर
• प्रवासी समुदाय प्रभावित:
o सामान्य नागरिकों के साथ-साथ कारोबारियों और सेलेब्रिटीज को भी वीजा मिलने में दिक्कत हो रही है।
• सामाजिक प्रतिक्रिया:
o सोशल मीडिया पर पाकिस्तानी लोग इस प्रतिबंध को लेकर नाराजगी जाहिर कर रहे हैं।
यूएई के वीजा प्रतिबंध का मुख्य कारण पाकिस्तानी नागरिकों द्वारा अमीराती कानूनों का उल्लंघन, आपराधिक गतिविधियां, और फर्जी दस्तावेजों का उपयोग है। यह प्रतिबंध यूएई की सुरक्षा और स्थिरता को सुनिश्चित करने के लिए लगाया गया है। अब यह देखना होगा कि पाकिस्तान सरकार इस समस्या को सुलझाने के लिए क्या कदम उठाती है।