नये कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे किसानों ने देश की राजधानी दिल्ली में प्रवेश के अधिकतर सड़क मार्गों को घेर रखा है और मंगलवार 8 दिसम्बर को भारत बंद का आह्वान किया है। बंद सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक रहेगा। किसानों की ओर से कहा जा रहा है कि आवश्यक कार्यों के लिए ही लोग घरों से बाहर निकलें, कार्य के बारे में जानकारी दिए जाने पर आमजन को परेशान नहीं किया जाएगा। शादी समारोहों में आने-जाने वालों, एंबुलेंस और अन्य आवश्यक कार्यों के लिए निकलने वालों को रास्ता जाएगा दिया
दो दर्जन राजनीतिक दलों ने दिया बंद को समर्थन
यद्यपि किसान संगठनों द्वारा कहा जा रहा है कि वे अपने मंच तक किसी राजनेता को पहुंचने नहीं देंगे। सिंघु बॉर्डर पर जमे किसान नेता दर्शन पाल सिंह ने कहा, जिन राजनीतिक दलों ने हमारा समर्थन किया है उसके लिए उनका धन्यवाद, उनसे अपील है कि जब किसान आंदोलन में शामिल होने के लिए आएं तो अपना झंडा घर छोड़कर आएं। इस की स्पष्ट अपील के बावजूद किसानों के संघर्ष का श्रेय लेने के लिए राजनीतिक दलों में होड़ मची हुई है।
करीब 24 राजनीतिक दलों और इनसे जुड़े विभिन्न संगठनों और यूनियनों ने भारत बंद को समर्थन देने की बात कही है। जो राजनीतिक दल कल बंद को समर्थन दे रहे हैं, उनमें कांग्रेस, माकपा, डीएमके, भाकपा, राष्ट्रीय जनता दल, एनसीपी, जेएमएम, समाजवादी पार्टी, शिवसेना, शिरोमणि अकाली दल, भाकपा (माले), पीएजीडी (गुपकार गठबंधन), टीएमसी, टीआरएस, एआईएमआईएम, आम आदमी पार्टी, पीडब्लूपी, वीवीए, आरएसपी, फॉर्वर्ड ब्लॉक, एसयूसीएल (सी), स्वराज इंडिया, जनता दल (धर्मनिरपेक्ष) और आरएसपी शामिल हैं।
सम्मान वापसी का प्रयास
उधर, भारतीय जनता पार्टी की ओर से केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राजनीतिक दलों द्वारा कृषि कानूनों को लेकर भ्रम फैलाने का आरोप लगाया। अपनी बात को लेकर उन्होंने विपक्षी दलों के पुराने बयानों और वीडियो भी जारी किए। इसके अलावा सोमवार को करीब 30 पुराने और वर्तमान खिलाड़ी किसानों के आंदोलन का समर्थन करते हुए, अपने-अपने सम्मान लौटाने के लिए राष्ट्रपति भवन की ओर मार्च करने निकले लेकिन इन सभी को पुलिस ने रास्ते में ही रोक लिया।
गुजरात में जोर-जबर्दस्ती करने वालों के खिलाफ होगी कार्रवाई
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 8 दिसम्बर के भारत बंद को देखते हुए पुलिस एवं प्रशासन के उच्चाधिकारियों के साथ राजस्थान में लॉ एन्ड ऑर्डर को लेकर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे बेहतर समन्वय के लिए प्रदेशभर में माकूल सुरक्षा इंतजाम सुनिश्चित करें। गुजरात के मुख्यमत्री विजय रूपाणी ने स्पष्ट तौर पर घोषणा की है कि गुजरात राज्य में जोर-जबर्दस्ती से बंद करवाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। महाराष्ट्र सरकार ने कहा है कि बंद को समर्थन देने के लिए जिन्हें बंद रखना है, रखें लेकिन जबर्दस्ती किसी से ना करें।