कूटनीति

PM नरेंद्र मोदी की अमेरिकी यात्रा के 5 प्रमुख बिंदु: तहव्वुर राणा का प्रत्यर्पण, F-35 डील के अलावा और भी..

वाशिंग्टन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दो दिवसीय अमेरिका यात्रा व्यापार शुल्क, 26/11 मुंबई हमले के आरोपी तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण और F-35 स्टील्थ फाइटर जेट्स से जुड़े रक्षा सौदे पर केंद्रित रही। इस यात्रा के दौरान मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच मजबूत कूटनीतिक संबंध देखने को मिले। साथ ही, उन्होंने टेस्ला के सीईओ एलन मस्क सहित शीर्ष अमेरिकी अधिकारियों से भी चर्चा की।
इस यात्रा से भारत-अमेरिका संबंधों को गति मिलेगी और वैश्विक स्तर पर भारत की स्थिति मजबूत होगी। यहाँ मोदी की यात्रा के 5 प्रमुख बिंदु दिए गए हैं:
1. तहव्वुर राणा का प्रत्यर्पण
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को 26/11 मुंबई आतंकी हमले के आरोपी ताहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण की घोषणा की। इस फैसले का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वागत किया।
ट्रंप ने कहा, “मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि मेरी सरकार ने 2008 के मुंबई आतंकी हमले में शामिल एक साजिशकर्ता (ताहव्वुर राणा) को भारत प्रत्यर्पित करने का आदेश दिया है। वह भारत वापस जा रहा है, जहां उसे न्याय का सामना करना होगा।”
पीएम मोदी ने प्रतिक्रिया दी, “मैं राष्ट्रपति का आभार व्यक्त करता हूँ कि उन्होंने एक अपराधी को भारत भेजने का निर्णय लिया, जिसने 2008 में भारत में नरसंहार किया था। अब भारतीय अदालतें इस पर उचित कार्रवाई करेंगी।”
2. भारत-अमेरिका रक्षा सौदा: F-35 स्टील्थ फाइटर जेट्स
राष्ट्रपति ट्रंप ने एक बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि अमेरिका भारत को अपने सैन्य उत्पादों की बिक्री बढ़ाएगा और भविष्य में उसे F-35 स्टील्थ फाइटर जेट्स प्रदान करने का मार्ग प्रशस्त करेगा।
उन्होंने क्वाड (Quad) साझेदारी की प्रतिबद्धता को दोहराया, जिससे हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनी रहेगी। हालाँकि, उन्होंने कोई समयसीमा नहीं बताई, लेकिन रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, इस तरह के सैन्य सौदे आमतौर पर वर्षों में पूरे होते हैं।
गौरतलब है कि 2008 से अब तक भारत अमेरिका से 20 अरब डॉलर से अधिक की रक्षा सामग्री खरीद चुका है।
3. भारत-अमेरिका व्यापार घाटे को कम करने की दिशा में कदम
व्यापार वार्ता के दौरान, अमेरिका और भारत ने अमेरिका के व्यापार घाटे को कम करने के लिए बातचीत शुरू करने पर सहमति जताई। ट्रंप ने भारत के उच्च शुल्कों की आलोचना की और बदले में “रिसीप्रोकल टैरिफ” (पारस्परिक शुल्क) लगाने का समर्थन किया।
पीएम मोदी ने कहा कि दोनों देश जल्द ही एक “पारस्परिक लाभकारी व्यापार समझौते” पर काम करेंगे, जिसमें तेल और गैस के व्यापार पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। उन्होंने अमेरिकी तेल, गैस और रक्षा उपकरणों की खरीद के लिए वार्ता की पेशकश की, ताकि व्यापार संतुलन बना रहे।
4. भारत-अमेरिका $500 बिलियन व्यापार लक्ष्य (2030 तक)
पीएम मोदी ने घोषणा की कि भारत और अमेरिका ने 2030 तक 500 अरब डॉलर के द्विपक्षीय व्यापार का लक्ष्य तय किया है।
संयुक्त प्रेस वार्ता में मोदी ने कहा कि अमेरिकी लोग ट्रंप की “MAGA” (Make America Great Again) नीति से परिचित हैं, वहीं भारत “विकसित भारत 2047” की दिशा में आगे बढ़ रहा है।
उन्होंने यह भी बताया कि दोनों देश संयुक्त विकास, संयुक्त उत्पादन और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण को लेकर काम कर रहे हैं, जिससे रक्षा, ऊर्जा और अन्य क्षेत्रों में सहयोग बढ़ेगा।
5. भारत-चीन सीमा विवाद पर ट्रंप का प्रस्ताव
संयुक्त प्रेस वार्ता के दौरान, ट्रंप ने वैश्विक संघर्षों पर चर्चा की, जिसमें भारत-चीन सीमा तनाव और रूस-यूक्रेन युद्ध शामिल थे।
उन्होंने कहा, “मैं भारत की ओर देखता हूँ और देखता हूँ कि सीमा पर झड़पें हो रही हैं, जो काफी हिंसक हैं। अगर मेरी कोई मदद हो सकती है, तो मैं जरूर मदद करना चाहूँगा, क्योंकि यह झड़पें रुकनी चाहिए।”
“मोदी मुझसे भी बेहतर वार्ताकार हैं” – ट्रंप
संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान, ट्रंप ने पीएम मोदी की प्रशंसा करते हुए उन्हें “मुझसे भी कड़ा और बेहतर वार्ताकार” बताया। जब उनसे पूछा गया कि दोनों में से कौन बेहतर वार्ताकार है, तो ट्रंप ने जवाब दिया, “वे (नरेंद्र मोदी) मुझसे कहीं बेहतर वार्ताकार हैं। यह कोई मुकाबला ही नहीं है।”
पीएम मोदी की यह यात्रा भारत और अमेरिका के संबंधों को नई ऊँचाइयों पर ले जाने में महत्वपूर्ण साबित हुई। तहव्वुर राणा का प्रत्यर्पण, F-35 डील, व्यापार घाटे पर वार्ता, $500 बिलियन का व्यापार लक्ष्य और भारत-चीन विवाद पर ट्रंप की मध्यस्थता की पेशकश—ये सभी संकेत देते हैं कि दोनों देशों के संबंध आने वाले वर्षों में और मजबूत होंगे।

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