जयपुर। राजस्थान सरकार की ओर से अब कोरोना संक्रमण से बचाव के संदेश जन-जन तक पहुंचाने के लिए पूर्व सैनिकों की मदद ली जाएगी।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि पूर्व सैनिक कोरोना जागरुकता का संदेश गांव-ढाणी तक पहुंचाएं और आमजन को बचव के उपाय अपनाने के लिए प्रेरित करें। बचाव ही उपाय है, ऐसे में हम सभी की जिम्मेदारी है कि कोरोना संक्रमण को लेकर किसी तरह की लापरवाही नहीं बरतें।
गहलोत मंगलवार को मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए पूर्व सैनिकों के साथ संवाद कर रहे थे। गहलोत ने कहा कि देश के लिए त्याग और समर्पण की भावना राजस्थान के हर घर में दिखाई देती है। किसी भी संकट की घड़ी में फौजी सबसे पहले आगे आते हैं। कोरोना संक्रमण से हमारी जंग में भी पूर्व सैनिकों ने वालंटियर के रूप में आगे आकर मदद की है।
परिवहन एवं सैनिक कल्याण मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि प्रदेश में 1 लाख 92 हजार से अधिक पूर्व सैनिक और अधिकारी कोरोना जागरुकता का संदेश आमजन तक पहुंचाएंगे। सरकार ने डेढ़ साल के कार्यकाल में सैनिक कल्याण की दिशा में महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं। सरकार ने कारगिल पैकेज के तहत देय राशि 25 लाख से बढ़ाकर 50 लाख की है।
द्वितीय विश्वयुद्ध में हिस्सा लेने वाले सैनिकों की विधवाओं की पेंशन 4 हजार से बढ़ाकर 10 हजार की है। आश्रितों के पक्ष में भूमि हस्तांतरण पर स्टाम्प ड्यूटी और पंजीयन शुल्क में पूर्ण छूट का प्रावधान है। एक्स सर्विसेज कॉरपोरेशन के माध्यम से नियोजित पूर्व सैनिकों के पारिश्रमिक में 10 प्रतिशत की वृद्धि, शौर्य पदक धारकों को रोडवेज की नि:शुल्क यात्रा, 49 शौर्य पदक धारकों को भूमि आवंटन के फैसले सरकार ने लिए हैं।