जयपुर। राजस्थान पुलिस की वर्ष 2013 में गठित विशेष इकाई राज्य आपदा प्रतिसाद बल (एसडीआरएफ) में कार्यरत कर्मियों को जोखिम भत्ते के रूप में 25 प्रतिशत राशि देने के प्रस्ताव वित्त विभाग को प्रेषित किए गए हैं।
राज्य आपदा प्रतिसाद बल के अतिरिक्त महानिदेशक सुश्मित विश्वास ने बताया कि राज्य आपदा राहत बल में कार्यरत पुलिसकर्मियों के जोखिमपूर्ण कार्यों को देखते हुए उन्हें मूल वेतन का 25 प्रतिशत राशि जोखिम भते के रूप में स्वीकृत करने हेतु बल द्वारा प्रस्ताव तैयार कर महानिदेशक पुलिस को भिजवाए गए।
महानिदेशक पुलिस द्वारा यह प्रस्ताव गृह विभाग को विचारार्थ अग्रेषित किए एवं गृह विभाग द्वारा इन प्रस्ताव को वित्त विभाग को प्रेषित किया गया है। विश्वास ने बताया कि वर्तमान में राज्य आपदा प्रतिसाद बल में 684 कांस्टेबल, 80 हैड कांस्टेबल, 22 सब इंस्पेक्टर व इंस्पेक्टर 2 उपअधीक्षक, 4 अतिरिक्त अधीक्षक, एक पुलिस अधीक्षक एवं एक अतिरिक्त महानिदेशक स्तर के अधिकारी कार्यरत है। इनके अतिरिक्त मंत्रालय कर्मचारी भी बल में अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। एसडीआरएफ के लिए कुल 800 पद स्वीकृति है।
उल्लेखनीय है कि बाढ़, आगजनी, दुर्घटनाओं जैसी आपदाओं में जानमाल को बचाने वाली एसडीआरएफ को इस जोखिम के बदले विशेष भत्ता देने की मांग चल रही थी। प्रदेश में प्राकृतिक आपदाओं, बाढ, भूकंप, अग्निकांड, जहरीली गैसों के रिसाव, दुर्घटनाओं एवं ट्रेन हादसों से लेकर न्यूक्लियर रिसाव जैसे बचाव और राहत कार्यों के लिए एसडीआरएफ का गठन किया गया था। जुलाई 2013 में एसडीआरएफ जवानों की भर्ती की गई और उन्हें जोधपुर बीएसएफ से ट्रेनिंग दिलाई गई।
एसडीआरएफ जवान बाढ़ व मलबे में दबे लोगों को निकालने, केमिकल हादसों में और बड़ी दुर्घटनाओं में बायोलॉजिकल रेडियोलॉजिकल न्यूक्लियर आपदाओं के दौरान अपनी जान जोखिम में डालते हैं। ऐसे में कॉन्स्टेबल से डिप्टी कमांडेंट स्तर तक जोखिम भत्ता दिए जाने के प्रस्ताव किए गए है। एनडीआरएफ में भी उत्साहवर्धन और बेहतर परिणाम के लिए विशेष वेतन लागू है।