नयी दिल्ली। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को सोशल मीडिया पर एक प्रतिबंधित चीनी ड्रोन का प्रदर्शन करने के लिए तीखी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने अपने वीडियो में दावा किया कि भारत को “खोखले शब्दों” के बजाय मजबूत उत्पादन आधार की जरूरत है।
उन्होंने रविवार को ट्वीट किया, “ड्रोन केवल एक तकनीक नहीं हैं, बल्कि एक मजबूत औद्योगिक प्रणाली द्वारा निर्मित नवाचार हैं। दुर्भाग्य से, प्रधानमंत्री मोदी इसे समझने में असफल रहे हैं। जब वे टेलीप्रॉम्प्टर पर एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) पर भाषण दे रहे हैं, तब हमारे प्रतिस्पर्धी नई तकनीकों में महारत हासिल कर रहे हैं। भारत को मजबूत उत्पादन आधार की जरूरत है, न कि सिर्फ खोखले शब्दों की।”
राहुल गांधी ने वीडियो में यह भी दावा किया कि भारत में ड्रोन निर्माण के लिए किसी भी प्रकार के घटक नहीं बनाए जाते और यहां ऑप्टिक्स (प्रकाशिकी) की कोई समझ नहीं है।
ड्रोन उद्योग के प्रमुख का पलटवार
हालांकि, राहुल गांधी का यह वीडियो कई लोगों को रास नहीं आया। ड्रोन फेडरेशन ऑफ इंडिया (DFI) के अध्यक्ष स्मित शाह ने राहुल गांधी की आलोचना करते हुए कहा कि वह भारत के ड्रोन उद्योग को गलत तरीके से पेश कर रहे हैं, जबकि खुद एक प्रतिबंधित चीनी डीजेआई (DJI) ड्रोन का प्रदर्शन कर रहे हैं।
गौरतलब है कि भारत सरकार ने 2022 से चीन की शेन्ज़ेन स्थित DJI टेक्नोलॉजी कंपनी लिमिटेड के ड्रोन पर प्रतिबंध लगा रखा है।
शाह ने राहुल गांधी के दावों को खारिज करते हुए कहा कि भारत में वर्तमान में 400 से अधिक कंपनियां विभिन्न प्रकार के ड्रोन बना रही हैं।
उन्होंने आगे बताया, “इतना ही नहीं, 50 से अधिक कंपनियां ड्रोन के घटक (कंपोनेंट्स) जैसे कि बैटरी, प्रोपेलर, फ्लाइट कंट्रोलर और मोटर का निर्माण कर रही हैं। ऐसे में संपूर्ण भारतीय ड्रोन प्रणाली को यह कहकर नकार देना कि यहां घटकों को बनाने की कोई समझ नहीं है, यह पूरी तरह से गलत है।”
शाह ने राहुल गांधी की टिप्पणी को “आलोचना मात्र” करार दिया और कहा, “यह उद्योग अभी अपने शुरुआती चरण में है और इसे आगे बढ़ाने के लिए बहुत कुछ किया जाना बाकी है। लेकिन बिना किसी ठोस सुझाव के केवल आलोचना करने से कोई लाभ नहीं होगा। इंडस्ट्री, शिक्षाविदों और नीति-निर्माताओं का सामूहिक प्रयास सराहनीय है।”
इसके अलावा, शाह ने एक वीडियो पोस्ट कर बताया कि राहुल गांधी अपने बयान में कितने गलत हैं।
राहुल गांधी से किए गए सवाल
एक अन्य ट्वीट में, DFI प्रमुख ने राहुल गांधी से कई सवाल पूछे, जिनमें यह शामिल थे:
अगर DJI ड्रोन 2022 से भारत में प्रतिबंधित है, तो इसे उन्होंने कैसे प्राप्त किया?
ड्रोन नियम 2021 के तहत सभी ड्रोन को डिजिटलस्काई प्लेटफॉर्म पर पंजीकृत कराना अनिवार्य है। क्या इस ड्रोन का पंजीकरण हुआ था?
ड्रोन उड़ाने के लिए रिमोट पायलट सर्टिफिकेट (Remote Pilot Certificate) की जरूरत होती है। क्या राहुल गांधी के पास यह प्रमाणपत्र था?
उनका निवास और कार्यालय संभवतः ‘रेड ज़ोन’ में आता है। क्या उन्होंने नागरिक उड्डयन मंत्रालय (MoCA) और गृह मंत्रालय (MHA) से अनुमति ली थी?
क्या नियम उन पर लागू नहीं होते? या फिर वह नियमों की परवाह नहीं करते?
मोहनदास पई का भी पलटवार
सिर्फ स्मित शाह ही नहीं, बल्कि इंफोसिस के पूर्व सीएफओ मोहनदास पई ने भी राहुल गांधी पर निशाना साधा और उन्हें भारत को नीचे दिखाने के लिए “फर्जी नैरेटिव” फैलाने से बचने की सलाह दी।
उन्होंने ट्वीट किया, “कृपया जांचें कि क्या वह भारतीय ड्रोन इस्तेमाल कर रहे हैं या चीनी ड्रोन? यह कौन सा ब्रांड है? भारत आज वैश्विक रूप से पांचवां सबसे बड़ा औद्योगिक विनिर्माण (इंडस्ट्रियल मैन्युफैक्चरिंग) देश है, दूसरा सबसे बड़ा स्टील उत्पादक, दूसरा सबसे बड़ा सीमेंट उत्पादक, तीसरा सबसे बड़ा ऑटोमोबाइल निर्माता, सबसे बड़ा दोपहिया वाहन निर्माता, दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल फोन उत्पादक और तीसरा सबसे बड़ा ऊर्जा उत्पादक है।”
उन्होंने आगे कहा, “इनमें से अधिकतर विकास पिछले 10 वर्षों में हुआ है। कृपया इस फर्जी नैरेटिव को फैलाना बंद करें और भारत को नीचा दिखाने की कोशिश न करें।”