राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने प्रतिबंधित इस्लामी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के खिलाफ मंगलवार सुबह से बड़ा अभियान छेड़ा है। जानकारी के मुताबिक एनआईए ने पीएफआई कैडर की गिरफ्तारी के लिए यूपी, मध्यप्रदेश और बिहार समेत कई राज्यों के 17 जगह छापे मारे हैं। हालाँकि अभी ये नहीं पता चला है कि छापेमारी के दौरान एनआईए ने पीएफआई से जुड़े कितने लोगों को गिरफ्तार किया है।
एनआईए सूत्रों के मुताबिक जांच एजेंसी को पता चला था कि पीएफआई के छिपे हुए कार्यकर्ता लगातार संगठन का काम बढ़ा रहे थे। रामपुर, दरभंगा, मोतीहारी जैसी जगहों पर खास तौर पर छापे मारे गए हैं। पीएफआई पर प्रतिबंध के बाद भी उसके छिपे हुए ओवरग्राउंड वर्कर्स लगातार फंडिंग जुटाने और अन्य देशविरोधी काम में जुटे हुए थे। उन्हे पिछले कुछ समय से पीएफआई के इन ओवरग्राउंड वर्कर्स के बारे में लगातार सूचनाएं मिल रही थीं जिसके बाद छापा मारने की तैयारी की गई।
अभी ये नहीं ज्ञात हो सका है कि एनआईए के इस एक्शन के बाद पीएफआई से जुड़े कितने लोगों को गिरफ्तार किया है। इस बारे में एनआईए की तरफ से छापे की कारवाई ख़त्म होने के बाद जानकारी दिए जाने की संभावना है। बता दें कि पीएफआई पर केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय ने पिछले साल प्रतिबंध लगाया था। बैन लगने के बाद बड़े पैमाने पर पीएफआई के बड़े नेताओं और सदस्यों को गिरफ्तार किया गया था। पीएफआई का एक मॉड्यूल बिहार में पकड़ा गया था। दो लोगों की गिरफ्तारी के बाद उनके पास से 8 पेज का दस्तावेज बरामद हुआ था। इस दस्तावेज से पता चला था कि पीएफआई साल 2047 तक भारत को इस्लामी देश बनाने की दिशा में काम कर रहा था। वो अपने सदस्यों को हथियार चलाने की ट्रेनिंग भी दे रहा था। देश में होने वाले चुनावों में भी पीएफआई की हिस्सेदारी करने की तैयारी थी ताकि संवैधानिक संस्थाओं पर भी वो कब्जा जमा सके लेकिन केंद्र के प्रतिबंध के एक्शन से पीएफआई को जोर का झटका लगा था। ताजा कार्रवाई उसकी कमर पूरी तरह तोड़ने के लिए की जा रही है।
केंद्र ने PFI के अलावा रिहैब इंडिया फाउंडेशन (RIF), कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (CFI), ऑल इंडिया इमाम काउंसिल (AIIC), नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन (NCHRO), नेशनल वीमेन फ्रंट, जूनियर फ्रंट, एम्पावर इंडिया फाउंडेशन और रिहैब फाउंडेशन पर भी बैन लगाया गया था। इसके पहले भी NIA और कई राज्यों की पुलिस व एजेंसियों ने पीएफआई के ठिकानों पर छापेमारी कर सैकड़ों गिरफ्तारियां की थीं।
इससे पहले 2022 में 22 सितंबर और 27 सितंबर को NIA,ED और राज्यों की पुलिस ने PFI पर ताबड़तोड़ छापेमारी की थी। पहले राउंड की छापेमारी में PFI से जुड़े 106 लोग गिरफ्तार हुए थे। दूसरे राउंड की छापेमारी मेंPFI से जुड़े 247 लोग गिरफ्तार/हिरासत में लिए गए थे। जांच एजेंसियों को PFI के खिलाफ पर्याप्त सबूत मिले थे। इसके बाद जांच एजेंसियों ने गृह मंत्रालय से कार्रवाई की मांग की थी। जांच एजेंसियों की सिफारिश पर गृह मंत्रालय ने PFI पर बैन लगाने का फैसला किया था।