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फिलहाल राजस्थान में नहीं थमेगा भारी बारिश का दौर, बीसलपुर बांध के गेट खोले

राजस्थान में बारिश ने अपने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। जहां एक तरफ बांधों के गेट खोले गए तो वहीं मौसम विभाग ने भारी बारिश का आज भी अलर्ट जारी किया है। विभाग के अनुसार अलग-अलग जिलों में 6 से लेकर 9 सितंबर तक भारी बारिश का अलर्ट है।
राजस्थान में 2 सितंबर से शुरू हुआ मानसून का दौर लगातार सक्रिय है। प्रदेश के कई हिस्सों में भारी बारिश का कहर देखने को मिला है। इधर, मौसम विभाग ने शुक्रवार शाम अपडेट में 7 जिलों के लिए भारी बारिश के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इसके तहत जयपुर, दौसा और करौली जिलों में भारी बारिश का अलर्ट है। इसके अलावा करीब दो दर्जन जिलों के लिए यलो अलर्ट जारी किया है। जहां हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना बनी हुई है। बता दें कि मौसम विभाग ने आगामी 9 सितंबर तक का मौसम अपडेट जारी किया है। जानते हैं 9 सितंबर तक कहां भारी और कहां अतिभारी बारिश होने की संभावना बनी हुई है।
इन जिलों में शुरू होने वाली है भारी बारिश
मौसम विभाग के शाम 5 बजे जारी अपडेट के अनुसार राज्य के सात जिलों में भारी बारिश होने की संभावना बताई गई है। इनमें जयपुर, जयपुर शहर, दौसा, करौली, टोंक, झुंझुनू, सवाई माधोपुर समेत जिलों में आगामी तीन घंटे के लिए मौसम विभाग ने ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। साथ ही, इन जिलों में कई स्थानों पर आकाशीय बिजली गिरने के साथ भारी बारिश हो सकती है। इसको लेकर मौसम विभाग ने लोगों को सुरक्षित स्थानों पर रहने की सलाह दी है। साथ ही जल भराव क्षेत्र में यातायात के समय लोगों को सावधानी बरतने को भी कहा है।
करीब दो दर्जन जिलों में ठंडी हवाओं के साथ हल्की बारिश
मौसम विज्ञान केंद्र के शुक्रवार शाम जारी किए गए अलर्ट में करीब दो दर्जन जिलों में हल्की से माध्यम दर्जे की बारिश होने की संभावना बताई गई है। इनमें अलवर, अजमेर, पाली, भरतपुर, धौलपुर, चित्तौड़गढ़, बूंदी, बारां, कोटा, झालावाड़, चूरू, सीकर, नागौर, भीलवाड़ा, राजसमंद, उदयपुर, डूंगरपुर, बांसवाड़ा, प्रतापगढ़, बीकानेर और जैसलमेर जिले शामिल है। इन जिलों के लिए मौसम विभाग ने यलो अलर्ट जारी किया है। इसके तहत इन हिस्सों में हल्के से मध्यम दर्जे की बारिश हो सकती है। मौसम विभाग ने मेघ गर्जन के समय सुरक्षित स्थानों पर शरण लेने के लिए सलाह दी गई है।
आगामी 7 से 9 सितंबर तक यह रहेगा राजस्थान का मौसम
मौसम विभाग के अनुसार 6 सितंबर को प्रदेश में मानसून का व्यापक असर देखने को मिल रहा है, जहां प्रदेश के कई जिलों में मध्यम से भारी बारिश हो रही है। मौसम विभाग के अनुसार जोधपुर, बीकानेर, भरतपुर और कोटा संभाग के कुछ हिस्सों में 7 सितंबर को मध्यम दर्जे की बारिश और कहीं-कहीं तेज बारिश होने की संभावना है। इसी तरह 8 और 9 सितंबर को भी उदयपुर, कोटा, अजमेर, जयपुर संभाग के कुछ हिस्सों में बारिश का जोर देखने को मिलेगा, जहां इन हिस्सों में भारी बारिश होने की संभावना है।
बीसलपुर बांध के दो गेट खोले गये
भारी बारिश के बाद बीसलपुर बांध के दो गेट खोल दिए गए हैं। दोनों गेट को 1-1 मीटर तक खोला गया है, जिससे बनास नदी में 12,000 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। गेट खोलने से पहले जल संसाधन मंत्री सुरेश रावत और अधिकारियों ने पूजा-अर्चना की। गुरुवार रात को ही हूटर बजाकर डाउनस्ट्रीम के इलाकों को अलर्ट कर दिया गया था और वहां आवागमन रोक दिया गया था।
बीसलपुर बांध का गेज 315.49 RL मीटर है और इसकी कुल भराव क्षमता 38.708 TMC है। आज सुबह 6 बजे तक बांध में 315.49 मीटर पानी भर चुका था, जिसके बाद गेट खोले गए। टोंक जिला प्रशासन ने गेट खोलने से पहले सभी आवश्यक सावधानियां बरतीं। बीसलपुर बांध जयपुर और इसके आसपास के सात जिलों की प्यास बुझाता है। बांध के भर जाने के बाद अब इन जिलों में तीन साल तक पेयजल आपूर्ति सुचारू रह सकेगी। इस बांध से करीब दो करोड़ लोगों की प्यास बुझाई जाती है। कैचमेंट एरिया में हो रही बारिश के कारण त्रिवेणी नदी से अभी भी पानी की आवक हो रही है।
बीसलपुर बांध के 20 साल के इतिहास में यह छठी बार है जब इसके गेट खोले गए हैं। जल संसाधन विभाग, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग और स्थानीय प्रशासन के अधिकारी बांध के जल स्तर पर लगातार नजर रखे हुए हैं। बांध परिसर में स्थित मंदिर में भी पानी भर गया है। बीसलपुर बांध अजमेर संभाग का सबसे बड़ा बांध है और इसका निर्माण 2004 में हुआ था। पहली बार यह बांध 2004 में पूरा भरकर छलका था।
इस बार बीसलपुर बांध पहली बार सितंबर के महीने में छलका है। इससे पहले यह 2006, 2014, 2016, 2019 और 2022 में छलका था। बीसलपुर बांध से पानी छलकने के बाद दौसा और सवाई माधोपुर के बांधों में जल भरने की व्यवस्था की गई है। इस बार पूर्वी राजस्थान के सभी जिलों में जबर्दस्त बारिश के कारण सभी बांध पहले से लबालब भरे हुए हैं। जल संसाधन विभाग, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग और स्थानीय प्रशासन जल निकासी पर पैनी नजर रखे हुए हैं

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