चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि कोरोना काल में बेहतरीन प्रबंधन के बाद राजस्थान अब वैक्सीनेशन में भी लगातार सिरमौर है। राजस्थान के 31 लाख 51 हजार से ज्यादा लोगों ने कोरोना की वैक्सीन लगवाकर यह उपलब्धि हासिल की है। उन्होंने इस उपलब्धि के लिए चिकित्सा विभाग के अधिकारियों, चिकित्सकों और कार्मिकों को बधाई दी।
डॉ. शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की माइक्रो प्लानिंग और सतर्कता के चलते कोरोना नियंत्रण के हर पहलू पर प्रदेश अव्वल रहा। कोरोना काल में जब देश को कोई राह नही सूझ रही थी, ऐसे में राजस्थान ने सबसे पहले लॉकडाउन लगाकर आमजन की जिदंगियां बचाई। कोरोना के नियंत्रण के लिए ‘भीलवाड़ा’ और ‘रामगंज’ मॉडल देश-दुनिया की सुर्खियों में रहे। चिकित्सा विभाग और टीम ने पूरी सजगता और सतर्कता के साथ काम कर कोरोना के प्रसार को कम करने की हरसंभव कोशिश की।
शर्मा ने बताया कि प्रदेश कोरोना वैक्सीनेशन में भी देश भर में अपनी धाक बनाए हुए है। हेल्थ वॉरियर्स, फ्रंटलाइन वर्कर्स के बाद 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों ने भी भरपूर सहयोग किया और वैक्सीनेशन कराया। उन्होंने बताया कि 16 मार्च सुबह 7 बजे तक प्रदेश में 26 लाख 63 हजार 348 लोगों ने वैक्सीन का पहला डोज और 4 लाख 88 हजार 324 ने दूसरा डोज लगवा लिया है। इस तरह प्रदेश में वैक्सीन से 31 लाख 51 हजार 672 लोग लाभान्वित हो चुके हैं। दूसरे नंबर पर महाराष्ट्र और तीसरे नंबर पर पश्चिम बंगाल है। देश भर में अब तक 3 करोड़ 29 लाख 47 हजार 432 लोगों को वैक्सीन लग चुकी है।
डॉ. शर्मा ने कहा कि राज्य के सभी जिलों में व्यापक स्तर पर पूरे प्रोटोकॉल के अनुसार टीकाकरण का कार्य किया जा रहा है। जहां केंद्र सरकार ने 10 फीसद वैक्सीनेशन को वेस्टेज डोज माना है, वही चिकित्सकों की सजगता से प्रदेश में केवल 7 प्रतिशत डोज ही वेस्ट की श्रेणी में आए हैं।