राजस्थान में बुधवार को सात विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुए, जिनमें देवली उनियारा विधानसभा सीट पर हालात बेहद तनावपूर्ण हो गए। निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा ने मालपुरा के एसडीएम अमित चौधरी को थप्पड़ मार दिया, जिससे माहौल बिगड़ गया। घटना के बाद जब पुलिस नरेश मीणा को हिरासत में लेने गई, तो उनके समर्थकों ने जमकर हंगामा किया। समर्थकों ने पुलिस पर पथराव किया, जिसके जवाब में पुलिस को लाठीचार्ज और आंसू गैस का इस्तेमाल करना पड़ा।
विवाद और पुलिस का हस्तक्षेप
यह घटना टोंक जिले के समरावता गांव की है, जहां निर्दलीय उम्मीदवार नरेश मीणा और एसडीएम अमित चौधरी के बीच किसी मुद्दे पर विवाद हुआ। यह विवाद इतना बढ़ गया कि गुस्से में आकर मीणा ने एसडीएम को थप्पड़ मार दिया। इसके बाद टोंक एसपी भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। जब पुलिस ने रात में मीणा को गिरफ्तार करने की कोशिश की, तो सैकड़ों समर्थक विरोध में उतर आए और पुलिस पर पथराव करने लगे।
समर्थकों और पुलिस के बीच झड़प
हालात को संभालने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा और भीड़ को काबू में करने के लिए आंसू गैस का सहारा लेना पड़ा। हिंसा और तनाव के बीच गुस्साई भीड़ ने पुलिस के कई वाहनों में आग लगा दी। यहां तक कि कुछ कच्चे घरों में भी आग लगने की खबरें आईं। इस हिंसा के कारण क्षेत्र में अफरा-तफरी का माहौल हो गया, और पुलिस को हालात पर काबू पाने में खासी मशक्कत करनी पड़ी। अंततः पुलिस ने नरेश मीणा को हिरासत में ले लिया, हालांकि उनके समर्थकों का विरोध जारी रहा।
सोशल मीडिया पर समर्थकों को जुटने का आह्वान
पुलिस की कार्रवाई से बौखलाए नरेश मीणा ने फेसबुक पर लाइव जाकर अपने समर्थकों से समरावता गांव में इकट्ठा होने की अपील की। उन्होंने कहा कि यदि उन्हें दबा दिया गया तो उनके खिलाफ मामले दर्ज होंगे और उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा। अपने समर्थकों से समर्थन की अपील करते हुए उन्होंने कहा कि यह लड़ाई उनके लिए महत्वपूर्ण है और वे उनसे गांव में इकट्ठा होकर उनका साथ देने का अनुरोध कर रहे हैं।
स्थिति पर पुलिस का नियंत्रण
घटना के बाद, पुलिस ने इलाके में बड़ी संख्या में सुरक्षाबल तैनात कर दिए हैं ताकि स्थिति काबू में रखी जा सके। पुलिस ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।