राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का कहना है कि चार्टर्ड अकाउंटेंट्स की राज्य की आर्थिक और सामाजिक प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका होती है। उनका कार्य केवल संख्याओं को संभालना ही नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माण का एक महत्वपूर्ण अंग है। उन्होंने कहा कि चार्टर्ड अकाउंटेंट्स वित्तीय प्रबंधन के विशेषज्ञ होते हैं और आज की तेजी से बदलती दुनिया में उनका योगदान विशेष रूप से उल्लेखनीय है।
शर्मा शनिवार को जयपुर में अर्हम ध्यान योग, जीएसटी और आयकर पर आयोजित चार्टर्ड अकाउंटेंट्स सेमीनार को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में वर्ष 2014 के बाद देश में बड़ा बदलाव आया है। गरीब कल्याण की योजनाएं, आर्थिक विकास, जीएसटी सुधार जैसे कदमों से देश ने सफलता के नए आयाम स्थापित किए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार ने कर प्रणाली को सरल और पारदर्शी बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। सरल आयकर रिटर्न फाइलिंग प्रक्रिया, फेसलेस असेसमेंट जैसी पहलों ने करदाताओं के लिए कर भरना आसान बनाया है। श्री शर्मा ने कहा कि जीएसटी लागू होने के बाद कर आधार में सुधार हुआ है और आज लगभग 1.3 करोड़ करदाता पंजीकृत हैं। उन्होंने कहा कि हमें जीएसटी के माध्यम से छोटे व्यवसायियों और उद्योगों को सशक्त बनाना है ताकि वे न केवल अपने व्यवसाय को बढ़ा सकें बल्कि देश के विकास में भी योगदान दे सकें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान के चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ने स्थानीय व्यवसायों को जीएसटी के अनुपालन में मदद की, जिसके परिणामस्वरूप उनके राजस्व में 30 प्रतिशत की वृद्धि हुई। उन्होंने कहा कि आयकर न केवल सरकार के राजस्व का एक प्रमुख स्रोत है, बल्कि यह हमारे देश के विकास और कल्याण योजनाओं को समर्थन देने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
शर्मा ने कहा कि वर्तमान समय में ध्यान योग के माध्यम से मानसिक शांति और एकाग्रता का अत्याधिक महत्व है। इससे हमें आत्म नियंत्रण प्राप्त होता है और हम हमारे पेशेवर जीवन में सही निर्णय लेने में सफल होते हैं। उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति और विरासत महान है और इसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए हमारे संत-महात्मा समाज और राष्ट्र को सही दिशा देने में निरंतर अग्रसर रहते हैं।
सभी के सहयोग से सफल होगी ‘राइजिंग राजस्थान’ समिट
मुख्यमंत्री ने चार्टर्ड एकाउंटेंट्स से आह्वान करते हुए कहा कि वे आगामी दिसम्बर माह में होने वाले राइजिंग राजस्थान ग्लोबल समिट में अधिक से अधिक निवेश के लिए निवेशकों को प्रेरित करें क्योंकि सीए भरोसे के प्रतीक होते हैं और उनकेे द्वारा कही गई बात को बहुत महत्व दिया जाता है। उन्होंने कहा कि सभी के सहयोग से ही राइजिंग राजस्थान समिट सफल होगी। शर्मा ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय के एकात्म मानववाद के सिद्धांत का अनुसरण करते हुए हमें वंचित और कमजोर वर्ग की पीड़ा का अहसास करना चाहिए तथा उन्हें समाज की मुख्यधारा में लाने में अपना योगदान देना चाहिए। हम समाज के हर वर्ग को साथ लेकर चलेंगे तो ही प्रदेश और राष्ट्र आगे बढ़ेगा।
इस अवसर पर जैन मुनि प्रणम्य सागर जी महाराज, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत प्रचारक बाबूलाल, सेमीनार संयोजक दिनेश जैन सहित चार्टर्ड अकाउंटेंट्स एवं गणमान्य लोग उपस्थित रहे।