राजस्थान की भजनलाल सरकार ने नरेगा संविदा कर्मियों को जबरदस्हैत तोहफा दिया है। राजस्थान सरकार ने राज्य के 4966 नरेगा संविदाकर्मियों को नियमित कर दिया है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने महात्मा गांधी नरेगा योजना अन्तर्गत कार्यरत नौ वर्ष या इससे अधिक का कार्यानुभव रखने वाले संविदा पर कार्यरत कर्मियों के लिए 4966 नए पदों के सृजन की स्वीकृति दी है।
नरेगा संविदा कर्मियों को भजनलाल सरकार ने बड़ी राहत दी है। राज्य सरकार ने प्रदेश के 4966 नरेगा संविदाकर्मियों को नियमित किया गया है। इनकी नियमितता के आदेश को ग्रामीण विकास उप सचिव प्रशासन बाबूलाल वर्मा ने जारी किए हैं। इसको लेकर नरेगा कार्मिक संघ अध्यक्ष दिनेश मीणा ने कैबिनेट मंत्री किरोड़ीलाल मीणा का आभार जताया है।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने महात्मा गांधी नरेगा योजना अन्तर्गत कार्यरत नौ वर्ष या इससे अधिक का कार्यानुभव रखने वाले संविदा पर कार्यरत कर्मियों के लिए 4966 नए पदों के सृजन की स्वीकृति दी है। ये पद ग्रामीण विकास विभाग के प्रशासनिक नियंत्रण में होंगे। नवसृजित पदों में कनिष्ठ तकनीकी सहायक के 1698, ग्राम रोजगार सहायक के 1548, डाटा एंट्री सहायक के 699, लेखा सहायक के 622, प्रोग्रामिंग एनालिसिस विशेषज्ञ 1, प्रोग्रामिंग विशेषज्ञ 1, समन्वयक (अभिसरण एवं मूल्यांकन) के 48, सहायक के 150 पद शामिल किए गए है।
महात्मा गांधी नरेगा योजना क्या है
2005 में राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी की शुरुआत की गई थी, जिसे आगे चलकर 2 अक्टूबर 2009 को महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम कर दिया गया। इस अधिनियम के तहत राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों के गरीब परिवार के व्यस्क सदस्यों (उनमे महिलाएं भी शामिल हैं) को साल में 100 दिन के रोजगार की गारंटी दी जाती है।
राजस्थान सरकार की महात्मा गांधी नरेगा राजस्थान के तहत मजदूरी करने वाले मजदूरों को उनके घर से पांच किलोमीटर के अंदर हीं रोजगार देने का प्रावधान है। इसके तहत मजदूरों को आवास, सिंचाई, सड़क, वृक्षारोपण, चकबंदी, बागवानी आदि जैसे काम रोजगार के तौर पर उपलब्ध कराये जाते हैं।