राजस्थान सरकार ने अंग प्रत्यारोपण के लिए फर्जी एनओसी जारी होने के प्रकरण में बड़ा एक्शन लिया है। प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए राज्य सरकार ने डॉ राजीव बगरहट्टा को सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य एवं नियंत्रक के पद से तथा डॉ. अचल शर्मा को एसएमएस अस्पताल के अधीक्षक पद से तत्काल प्रभाव से विमुक्त कर दिया है।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रीमती शुभ्रा सिंह ने बताया कि एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. बगरहट्टा एवं एसएमएस अस्पताल के अधीक्षक डॉ. शर्मा को अपने पद से विमुक्त कर दिया गया है। साथ ही, राज्य सरकार ने कार्डियोलॉजी विभाग के वरिष्ठ आचार्य डॉ. दीपक माहेश्वरी को एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य एवं नियंत्रक तथा वरिष्ठ आचार्य, निश्चेतन डॉ. सुशील भाटी को एसएमएस अस्पताल के अधीक्षक के पद का अग्रिम आदेशों तक कार्यभार सौंपा है। राज्य सरकार ने डॉ सुधीर भंडारी को स्टेट ऑर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट आर्गनाइजेशन के सुचारू संचालन के लिए गठित स्टीयरिंग कमेटी के चेयरमैन पद से तत्काल प्रभाव से हटा दिया है।
प्रभावी जांच के लिए एसीपी क्राइम समुचित प्राधिकारी नियुक्त
राज्य सरकार ने एक अधिसूचना जारी कर मानव अंग एवं उत्तक प्रत्यारोपण अधिनियम 1994 के तहत अतिरिक्त पुलिस आयुक्त, अपराध को समुचित प्राधिकारी नियुक्त किया है। उल्लेखनीय है कि अधिनियम के तहत एक से अधिक समुचित प्राधिकारी नियुक्त किए जाने का प्रावधान है। डॉ. रश्मि गुप्ता पहले से ही समुचित प्राधिकारी के रूप में दायित्वों का निर्वहन कर रही हैं।
चिकित्सा शिक्षा विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने बताया कि मानव अंग प्रत्यारोपण के लिए फर्जी एनओसी का प्रकरण सामने आने के बाद प्रभावी जांच की दृष्टि से राज्य सरकार ने विधिक राय उपरांत मानव अंग एवं उत्तक प्रत्यारोपण अधिनियम 1994 के प्रावधानों के तहत अतिरिक्त पुलिस आयुक्त, अपराध को समुचित प्राधिकारी नियुक्त किया है। एसीपी क्राइम के समुचित प्राधिकारी नियुक्त होने से इस प्रकरण में आपराधिक दृष्टि से जुड़े पक्षों पर भी गहन जांच-पड़ताल कर दोषियों पर सख्त कार्रवाई संभव हो सकेगी।