जयपुर। मलमास के खत्म होते ही एक पखवाड़े में पंच शतकीय रिकॉर्ड बनाते हुए राजस्थान आवासन मण्डल ने 500 सम्पत्तियां बेचकर 135 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त किया है। इनमें बुधवार नीलामी उत्सव के तहत 430 सम्पत्तियां बेचकर 42 करोड़ 32 लाख रुपए और 70 प्रीमियम सम्पत्तियों के विक्रय से 92 करोड़ 73 लाख रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ। इतने अल्प समय में राज्य में किसी भी निजी व सरकारी संस्था ने ई-ऑक्शन के माध्यम से अभी तक न तो इतनी सम्पत्तियों का विक्रय किया और न ही इतना राजस्व प्राप्त किया।
आवासन आयुक्त पवन अरोड़ा ने बताया कि मण्डल की सम्पत्तियां क्रय करने के लिये लोगों में खासा उत्साह नजर आ रहा है। बुधवार नीलामी उत्सव के साथ मण्डल की प्रीमियम सम्पत्तियों को खरीदने के लिये खरीददारों में प्रतिस्पद्र्धा दिख रही है। मण्डल द्वारा जयपुर, कोटा, बीकानेर, दौसा और सवाई माधोपुर की प्रतिष्ठित योजनाओं में आवासीय व व्यावसायिक प्रीमियम सम्पत्तियों का ई-अक्शन किया गया, जिसमें लगभग 500 लोगों ने भाग लिया। इन शहरों में 70 प्रीमियम सम्पत्तियों के विक्रय से मण्डल को 92 करोड़ 73 लाख रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ। जयपुर की प्रताप नगर योजना में महल रोड पर 2400 वर्ग मीटर का एक भूखण्ड 15 करोड़ रुपए में बिका।
आयुष मार्केट और आतिश मार्केट की 14 दुकानें बिकीं 13 करोड़ रुपए में
अरोड़ा ने बताया कि मण्डल द्वारा जयपुर के प्रताप नगर में विकसित किये जा रहे आयुष मार्केट की 6 दुकानें 2 करोड़ 94 लाख रुपए में बिकी। मानसरोवर योजना में आरएचबी आतिश मार्केट में 8 शोरूम भूखण्ड 10 करोड़ 8 लाख रुपए में बिके। आतिश मार्केट में भूखण्ड संख्या 66 अपने निर्धारित न्यूनतम बोली मूल्य से 4 गुना कीमत में बिका। आयुष मार्केट में ही 1 भूखण्ड अपने निर्धारित न्यूनतम बोली मूल्य से साढे तीन गुना कीमत में बिका।
अरोड़ा ने बताया कि जयपुर वृत्त प्रथम, द्वितीय और तृतीय में 60 सम्पत्तियां बिकी, जिससे मण्डल को 8 करोड़ 2 लाख रुपए का राजस्व मिला, जोधपुर वृत्त प्रथम और द्वितीय में 81 सम्पत्तियां बिकी, जिससे मण्डल को 7 करोड़ 40 लाख रुपए, कोटा वृत्त में 52 सम्पत्तियां बिकी, जिससे मण्डल को 4 करोड़ 6 लाख रुपए, बीकानेर वृत्त में 120 सम्पत्तियां बिकी, जिससे मण्डल को 10 करोड़ 76 लाख रुपए, उदयपुर वृत्त में 66 सम्पत्तियां बिकी, जिससे मण्डल को 6 करोड़ 68 लाख रुपए का राजस्व मिला और अलवर वृत्त में 51 सम्पत्तियां बिकी, जिससे मण्डल को 5 करोड़ 40 लाख रुपए का राजस्व मिला।