भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नेता और सिक्किम के राज्यपाल ओम प्रकाश माथुर (Om Prakash Mathur) के लिए जयपुर में नागरिक अभिनंदन कार्यक्रम रखा गया था। मंगलवार को आयोजित इस अभिनंदन कार्यक्रम में राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी और प्रेमंचद बैरवा के अलावा विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी, राजेंद्र राठौड़ सभी पहुंचे थे। लेकिन. इस कार्यक्रम में सबका ध्यान अपनी ओर आकृष्ट करने में राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे कामयाब रहीं।
राजे ने कहा है कि ओम माथुर चाहे कितनी ही बुलंदियों पर पहुंचें,इनके पैर सदा ज़मीन पर रहें हैं इसीलिए इनके चाहने वाले भी असंख्य हैं। उन्होंने कहा कि कई लोगों को पीतल की लौंग क्या मिल जाती है,वे अपने आप को सराफ समझ बैठते हैं। उन्होंने कहा माथुर से ऐसे लोगों को सीख लेना चाहिए, ‘चाहत बेशक आसमां छूने की रखो, पर पांव हमेशा ज़मीं पर रखो’। राजे ने उन्हें सिक्किम का गवर्नर बनाने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया।
पूर्व सीएम राजे ने कहा कि पीएम के करीबी माथुर ऊपर से गरम,भीतर से नरम है,जिन्होंने छत्तीसगढ़ में कमल खिला कर असंभव को संभव किया।विपक्षी कुछ भी कहें गवर्नर Rubber Stamp नहीं Iron fist in a velvet glove होता है।फिर जैसा घुड़सवार होगा घोड़ा वैसे ही दौड़ेगा। माथुर कुशल घुड़सवार हैं। जिन्हें लगाम खींचना और चाबुक चलाना अच्छे से आता है। सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा है कि राज्यपाल किसी भी विधेयक को रोक सकता है। वह मंत्री परिषद की सलाह से काम तो करता हैं लेकिन अनुच्छेद 166(2) के अनुसार उसका निर्णय ही अंतिम है।अनुच्छेद 356 में राज्यपाल की सिफ़ारिश पर किसी भी बहुमत की सरकार को हटा कर उस प्रदेश में सरकार के सारे अधिकार राज्यपाल को मिल जाते हैं। इसलिए राज्यपाल शक्ति रहित नहीं,शक्ति सहित होता है।संविधान बनाते वक्त यह तय हुआ कि देश में जैसे राष्ट्रपति हैं,वैसे ही राज्य को गवर्न करने के लिए गवर्नर होंगे।इसलिए राज्य में गवर्नर ही सबसे शक्तिशाली होता है।