जयपुर। राजस्थान के सियासी संग्राम में पिछले एक सप्ताह से चुप्पी साधे बैठी पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भी इसमें कूद पड़ी है।
राजे ने ट्वीट कर गहलोत सरकार पर हमला बोला कि ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कांग्रेस के आंतरिक कलह का नुकसान आज राजस्थान की जनता को उठाना पड़ रहा है। ऐसे समय में जब हमारे प्रदेश में कोरोना से 500 से अधिक मौतें हो चुकी है और करीब 28 हजार लोग कोरोना वायरस पॉजिटिव है।
इस समय किसानों के खेतों में टिड्डियां लगातार हमले कर रही है। ऐसे समय में जब महिलाओं के खिलाफ अपराध ने सीमाएं लांघ दी है। ऐसे समय में जब प्रदेशभर में बिजली की समस्या चरम पर है और कांग्रेस भाजपा और भाजपा नेतृत्व पर आरोप लगाने के प्रयास कर रही है। सरकार के लिए सिर्फ और सिर्फ जनता का हित सर्वोपरी होना चाहिए। कभी जनता के बारे में सोचिए।’
शाम को राजे ने अपने खिलाफ बोलने वाले नेताओं को फिर से ट्वीट कर जवाब दिया कि राजस्थान की राजनीतिक घटनाक्रम पर कुछ लोग बिना किसी तथ्यों के भ्रम फैलाने की लगातार कोशिश कर रहे हैं।
मैं पिछले तीन दशक से पार्टी की एक निष्ठावान कार्यकर्ता के रूप में जनता की सेवा करती आई हूं और पार्टी व उसकी विचारधारा के साथ खड़ी हूं।
माना जा रहा है कि भाजपा केंद्रीय नेतृत्व की ओर से लगातार वसुंधरा राजे को सक्रिय रहने और गहलोत सरकार पर हमला करने के लिए कहा गया है। सूत्रों का दावा है कि लगातार एक सप्ताह चुप रहने और उनके खेमे द्वारा सरकार का बचाव करने के आरोपों के बाद भाजपा केंद्रीय नेतृत्व के द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री को सख्त निर्देश दिए गए।
गौरतलब है कि राजस्थान की सरकार पिछले 6 दिनों से दिल्ली रोड स्थित एक होटल में कैद हैं और राज्य मेंं उपमुख्यमंत्री के अलावा दो मंत्रियों को निलंबित किया गया है। सरकार अल्पमत में बताई जा रही है, इस पर भी राजे की लगतार चुप्पी पर सवाल खड़े हो रहे थे।