राजस्थान (Rajasthan) सरकार अपने खाली खजाने को भरने के लिए प्रदेश में रॉयल्टी ठेकों (royalty contracts) की नीलामी करने जा रही है। जिसके तहत प्रदेश के 74 रॉयल्टी ठेकों की ई-नीलामी की जाएगी। इससे सरकार को लगभग 564 करोड़ रुपए राजस्व मिलने का अनुमान है। इस नीलामी प्रक्रिया में दुनियाभर में कहीं से भी आवेदक घर बैठे ऑनलाइन बोली लगा सकता है। जिसके लिए 7, 8, 10 और 2 सितंबर को ऑनलाइन बोली लगाई जाएगी।
खान विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुबोध अग्रवाल ने बताया कि ठेके खनिजों के खनन पट्टों से निकाले जा रहे खनिज पर वसूल किए जाने वाले आरसीसी, ईआरसीसी, डीएमएफटी, आरएसएमईटी, परमिट, तुलाई शुल्क के दिए जाएंगे। जिसमे मुख्यत: मार्बल, चेजा पत्थर, सेण्डस्टोन, जिप्सम, सोपस्टोन, क्वार्टज फेल्सपार, माईका, लाइम स्टोन, बेन्टोनाईट, सिलिकासेण्ड, ग्रेनाइट की खानों से आरआरसी, ईआरआरसी, डीएमएफटी, आरएसएमईटी आदि के शुल्क वसूली के लिए दिए जा रहे हैं।
इनमें रॉयल्टी ठेके अलवर, जयपुर, नागौर, उदयपुर, जोधपुर, अजमेर, बाड़मेर, कोटा, बीकानेर, सीकर, भरतपुर, चित्तोडग़ढ़, करौली, सिरोही, दौसा, डूंगरपुर और झुन्झुनू की खानों से संबंधित हैं। जहां नीलामी के बाद ठेका किसी अन्य को हस्तांतरण, सबलेट तथा सरेण्डर नहीं किया जा सकेगा।
राजस्थान के माइनिंग विभाग के निदेशक कुंज बिहारी पंड्या ने बताया कि नीलामी प्रक्रिया में शामिल होने वाले व्यक्तियों को भारत सरकार के माइनिंग पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा। इसके बाद ही वह व्यक्ति ऑनलाइन ऑक्शन में शामिल हो पाएगा। वहीं 10 करोड़ से अधिक की बिड राशि के ठेकों में ठेकेदार को खुद के खर्चे पर तुलाई मशीन लगानी होगी।