राजस्थान (Rajasthan) में 2 दिन से गहराए बिजली संकट से रविवार को राहत मिल गई है। कोल कंपनियों के बकाया भुगतान के बाद सप्लाई मिलते ही प्रदेश की 5 अलग-अलग यूनिट में उत्पादन शुरू हो गया। हालांकि कंपनियों का 1060 करोड़ रुपए अभी भी बकाया है। सरकार ने अभी 1740 करोड़ रुपए का भुगतान किया है।
राज्य में गहराए बिजली संकट (power crises) के कारण कई यूनिट बंद हो गई थीं। ऐसे में कुछ इलाकों में 10-12 घंटे तक की कटौती हो रही थी। कोयले की सप्लाई के बाद झालावाड़ में कालीसिन्ध की 600 मेगावॉट की एक यूनिट, छबड़ा की 250 मेगावॉट की एक यूनिट, छबड़ा में 5 नंबर की 660 मेगावॉट की सुपर क्रिटिकल यूनिट और सूरतगढ़ के थर्मल पावर प्लांट की 660-660 मेगावॉट की दो यूनिट शुरू हो गई।
सूरतगढ़ थर्मल पावर स्टेशन की एक यूनिट पर 500 और दूसरी पर 600 मेगावाट लोड चल रहा है। कोयले की कमी से सूरतगढ़ थर्मल प्लांट की 250-250 मेगावाट की पुरानी 6 यूनिट बंद हैं। ये कोयले की अच्छी सप्लाई और स्टॉक होने के बाद ही शुरू हो पाएगी।
कोयला संकट को देखते हुए विद्युत उत्पादन निगम की यहां केवल सुपर क्रिटिकल यूनिट चलाने की प्राथमिकता है। कोयले का स्टॉक अभी करीब 40 हजार टन मौजूद है। सूरतगढ़ में ये 660 मेगावाट की यूनिट नई टेक्नोलॉजी पर आधारित है। इनमें कोयला कम खर्च होता है। 660 मेगावाट क्षमता पर एक यूनिट को चलाने के लिए रोज़ाना दो रैक कोयले की जरूरत है। यहां 2 यूनिट चलाने के लिए चार रैक यानी चार ट्रेन कोयला हर रोज चाहिए।
कोयला संकट पैदा होने का मुख्य कारण डिस्कॉम्स की बड़ी लापरवाही बताई जा रही है। सूत्रों के अनुसार उत्पादन निगम का डिस्कॉम्स के ऊपर 27 हजार करोड़ बकाया है, जो कि पूर्व में तो 30 हजार करोड़ रुपए तक पहुंच गया था। डिस्कॉम्स ने उत्पादन निगम को इतनी बड़ी राशि का भुगतान नहीं किया है। इसलिए निगम की हालत खराब हो गई और वह कोयला कंपनियों-कोल इंडिया और पीकेसीएल को समय पर बकाया भुगतान नहीं कर सकी। इस कारण उन कंपनियों ने कोयला देना बंद कर दिया।
उत्पादन निगम डिस्कॉम्स को बिजली बेचती है। इसके बदले में डिस्कॉम्स से भुगतान नियमित रूप से उत्पादन निगम को मिलना चाहिए, लेकिन ऐसा हो नहीं रहा है। दूसरा अंतिम समय तक सरकार को भी हालात नहीं बताए गए ऐसे में स्टॉक का भी संकट खड़ा हो गया।
कोयला सप्लाई करने वाली पीकेसीएल कंपनी का पहले 3 हजार करोड़ रुपए का बकाया था। इसमें से 1100 करोड़ के करीब भुगतान किया गया। 1900 करोड़ रुपए बाकी बचा था। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्देश के बाद करीब 1375 करोड़ का भुगतान कर दिया गया है। इसी तरह, कोल इंडिया का 900 करोड़ बकाया था, जिसमें करीब 365 करोड़ रुपए का भुगतान कर दिया गया है।
बिलासपुर में एसईसीएल-साउदर्न इंडिया कोल लिमिटेड के ऑफिस में एक टीम राजस्थान से भेजी गई है। कोल इंडिया से सप्लाई रुकने से पहले तक करीब 4 रैक की रोज आपूर्ति हो रही थी। अब बढ़ाकर 6 रैक करने की कोशिशें की जा रही हैं। राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड के सीएमडी राजेश कुमार शर्मा जल्द ही दूसरे दौर की वार्ता के लिए दिल्ली जा सकते हैं।