राजस्थान के शहरी क्षेत्रों में बिजली से लोग त्राहि-त्राहि कर रहे थे। विधायक और मंत्री भी बिजली सप्लाई की स्थिति को सुधारने की बात कहते सुने गये लेकिन अब स्थिति और खराब हो गयी है। उद्योगों पर भी बिजली की कटौती चालू हो चुकी है। राजस्थान के ऊर्जा विभाग के अनुसार राज्य के उद्योगों पर 7 घंटे बिजली कटौती के आदेश 25 जून 2024 की रात से ही लागू हो गये हैं।
राजस्थान के उद्योगपति बिजली की इस स्थिति से बेहद नाराज हैं और वे राजस्थान सरकार के इस फैसले का विरोध कर रहे हैं। उद्योगपतियों का कहना है कि रोजाना 7 घंटे कटौती होने पर 30 फीसदी उत्पादन घटेगा, जिसका सीधा असर सरकार के राजस्व पर पड़ेगा।
उल्लेखनीय है कि राज्य के ऊर्जा विभाग के आदेश के बाद जयपुर, अजमेर और जोधपुर डिस्कॉम क्षेत्र में 7 घंटे की नियमित कटौती करना शुरू कर दिया है। रात 8 बजे से लेकर आधी रात के बाद तड़के 3 बजे तक बिजली आपूर्ति नहीं होगी। कोल्ड स्टोरेज जैसे उद्योगों बिजली कटौती में 50 फीसदी की छूट दी गई है। साथ ही एनसीआर क्षेत्र में बिजली आपूर्ति निर्बाध रूप से जारी रहेगी। ऊर्जा विभाग के अतिरिक्त सचिव का कहना है कि प्रदेश में बिजली खपत 20 फीसदी बढ़ गई है। ऐसे में एहतियात के तौर पर बिजली कटौती के कदम उठाए जा रहे हैं। पिछले साल जून में बिजली की मांग प्रति दिन 2200 लाख यूनिट थी जो इस बार बढ़कर 3500 लाख यूनिट हो गई है।
जयपुर के व्यापारिक संगठनों ने सरकार के इस फैसले का विरोध किया है। विश्वकर्मा औद्योगिक क्षेत्र व्यापार मंडल के अध्यक्ष जगदीश सोमानी का कहना है कि प्रदेश में मानसून दस्तक दे चुका है। ऐसे में बिजली कटौती का आदेश निकाला जाना समझ से परे है। सोमानी ने कहा कि बिजली कटौती से उद्योगों को भारी नुकसान होगा। 30 फीसदी तक उत्पादन घट जाएगा। ऑर्डर पूरे करने में परेशानी होगी और तैयार माल की डिलिवरी नहीं कर पाने से आर्थिक नुकसान झेलना पड़ेगा। वीकेआई और सीतापुरा क्षेत्र के 40 फीसदी उद्योगों में 8 से 10 घंटे, 40 फीसदी क्षेत्र में 16 से 20 घंटे और 20 फीसदी क्षेत्र में लगातार 24 घंटे उत्पादन होता है। बिजली कटौती से इन उद्योगों को भारी नुकसान पहुंचेगा।
सरकार अपना वादा नहीं निभा रहीः निलेश अग्रवाल
जयपुर के सीतापुरा औद्योगिक एसोसिएशन के अध्यक्ष निलेश अग्रवाल का कहना है कि सरकार अपना वादा भूल रही है। सरकार ने निर्बाध रूप से बिजली सप्लाई देने का वादा किया था। अब कभी फ्यूल सरचार्ज तो कभी बिजली कटौती की जाने लगी है। सरकार के इस फैसले से नया औद्योगिक निवेश प्रभावित होगा। झोटवाड़ा औद्योगिक क्षेत्र के अध्यक्ष आनंद गुप्ता कहते हैं कि बिजली कटौती का आदेश उद्योगों के लिए किसी सजा से कम नहीं है।