जयपुर। परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि सड़क सुरक्षा से जुड़े हर विभाग का प्रयास होना चाहिए सड़क दुर्घटना को रोकने में राजस्थान पूरे देश भर में मॉडल बने और इस संबंध में जो योजनाएं बने वे समयबद्ध क्रियान्वित हों।
खाचरियावास ने शुक्रवार को परिवहन भवन में रोड सेफ्टी काउंसिल की 17 वीं बैठक में कहा की 108 एंबुलेंस की समीक्षा होनी चाहिए तथा इस संबंध में विभागीय मीटिंग अति शीघ्र करवाई जाए। उन्होंने 108 एम्बुलेंस के रेस्पोंस टाइम को 10-15 मिनट से 8-10 मिनट किए जाने के निर्देश दिए। सड़क सुरक्षा के लिए 15 करोड़ की लागत से सवाई मानसिंह अस्पताल जयपुर में ट्रोमा सेंटर तथा स्किल लैब तैयार हो गई है और इसका शीघ्र ही शुभारंभ किया जाएगा।
खाचरियावास ने कहा कि मीटिंग के एजेंडों को सभी विभाग लागू करें जिससे सड़क सुरक्षा हो पाएगी। हाईवे पर स्पीड देखने के लिए इंटरसेप्टर तथा कैमरा लगवाया जाए जिससे हाईवे पर चल रहे वाहन की स्पीड नोट हो और सीधे घर पर ही ओवरस्पीडिंग के चालान आ जाएं।
बीआरटीएस से लगातार जाम लग रहा है और दुर्घटनाओं का मुख्य कारण है। उन्होंने बीआरटीएस कॉरिडोर समाप्त करने के संबंध में यूडीएच विभाग के साथ अलग से बैठक करने के निर्देश दिए। टोल कंपनियों के ऊपर मोटर व्हीकल एक्ट के तहत जुर्माने का प्रावधान है अगर कोई भी कंपनी नियमानुसार कार्य नहीं करती है तो उसके खिलाफ विभाग द्वारा सख्त कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा कि सड़क सुरक्षा के लिए विभाग द्वारा बड़े स्तर पर प्रचार प्रसार तथा विज्ञापन लगातार किया जाना चाहिए जिससे आम नागरिक सड़क नियमों तथा सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक हो सके। साथ ही इस संबंध में विभाग द्वारा सोशल मीडिया सेल का भी गठन किया जाए।
उन्होंने नेशनल हाईवे पर जानवरों से बचाव के लिए बैरिकेडिंग करने, उपशुओं को निकालने के लिए नेशनल हाईवे पर अंडरपास बनाने, हाईवे पर एनएचएआई तथा टोल कंपनी के कार्य की विभाग द्वारा लगातार मॉनिटरिंग, सार्वजनिक निर्माण विभाग द्वारा बनाई जाने वाली सड़कों की विभाग को जानकारी देने, एनएचएआई की 75 पेट्रोलिंग गाड़ियाँ तथा 68 एंबुलेंस गाड़ियों को विभाग के साथ समन्वित करने, विभाग द्वारा सेवा मित्र बनाए जाने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा घायल व्यक्ति को अस्पताल में ले जाने पर विभाग द्वारा पुरस्कृत करने पर विचार किया जाएगा। ब्लैक स्पॉट पर प्रॉपर लाइटिंग करने, स्कूलों में छठी से दसवीं तक सड़क सुरक्षा के चैप्टर को पाठ्यक्रम में जोड़ने, 11 वीं एवं 12 वीं तथा कॉलेज में भी रोड सेफ्टी के चैप्टर को सिलेबस में जोड़ने के निर्देश दिए।