मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार शाम माणिक्य लाल वर्मा आदिम जाति शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान तथा भारतीय लोक कला मण्डल के संयुक्त तत्वावधान में भारतीय लोक कला मंडल परिसर में आयोजित राज्य स्तरीय कला महोत्सव का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने मुक्ताकाशी रंगमंच पर दीप प्रज्वलन कर एवं परंपरागत नगाड़ा बजा कर कला महोत्सव की विधिवत शुरुआत की।
प्रदर्शनी का किया अवलोकन, प्रतिभाओं की सराहना की
इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने लोक कला मंडल परिसर में लगाई गई जनजाति विद्यार्थियों की कला प्रदर्शनी का अवलोकन किया तथा कलाकारों द्वारा बनाई गई कृतियों को सराहा। उन्होंने जनजाति विद्यार्थियों द्वारा बनाई गई अलग-अलग शिल्पाकृतियों के साथ पेंटिंग्स के बारे में कलाकारों से जानकारी ली और उन्हें अपने कला कौशल को और अधिक निखारने का आह्वान किया।
रंगारंग प्रस्तुतियों ने बांधा समा
समारोह के दौरान विभिन्न क्षेत्रों से आए कलाकारों ने मनमोहक प्रस्तुतियां दी। इसमें सिरोही की बीना कुमारी व दल द्वारा प्रस्तुत गौर नृत्य, बांसवाड़ा की रक्षा व दल द्वारा प्रस्तुत आदिवासी लोक नृत्य, उदयपुर की डॉ. दिव्यानी कटारा व दल द्वारा प्रस्तुत रैंप वॉक, प्रतापगढ़ के शंकरलाल व दल द्वारा प्रस्तुत गैर नृत्य, उदयपुर की नीलम व दल की राजस्थानी प्रस्तुति, भारतीय लोक कला मण्डल उदयपुर की टीम द्वारा प्रस्तुत भवाई व चरी नृत्य, किशनगंज की रानी व दल द्वारा प्रस्तुत सहरिया स्वांग तथा कोटड़ा ग्रुप द्वारा प्रस्तुत ढोल नृत्य ने कार्यक्रम में समां बांधा और दर्शकों को प्रभावित करते हुए तालियां बटौरी।
इस दौरान सहकारिता मंत्री आंजना, जनजाति विकास राज्य मंत्री अर्जुन सिंह बामनिया, पूर्व शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा, विधायक प्रीति शक्तावत, समाजसेवी दिनेश खोड़निया सहित जनप्रतिनिधि एवं आमजन उपस्थित रहे।
उल्लेखनीय है कि जनजाति छात्र-छात्राओं को पढ़ाई के साथ-साथ परम्परा, संस्कृति तथा कला कौशल की रचनात्मकता में आगे लाने के उद्देश्य से कला महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। इस दौरान न सिर्फ विविध रंगारंग गतिविधियां आयोजित होंगी बल्कि कला प्रोत्साहन हेतु जनजाति वर्ग के ख्याति प्राप्त कलाकारों द्वारा विद्यार्थियों को चित्रकला, माण्डना, हस्तशिल्प कला का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। विद्यार्थियों तथा कलाकारों द्वारा तैयार चित्रकला तथा हस्तशिल्प कला की प्रदर्शनी का आयोजन भी होगा। कला महोत्सव का समापन 24 मई को होगा।