जयपुरप्रशासन

खान एवं भूविज्ञान विभाग व जीएसआई परस्पर सहयोग व समन्वय से देंगे खनिज एक्सप्लोरेशन कार्य को गति, परस्पर अनुभवों को करेंगे साझा

राजस्थान का माइंस विभाग और केन्द्र सरकार का जियोलोजिकल सर्वे ऑफ इण्डिया प्रदेश में परस्पर सहयोग व समन्वय से खनिज एक्सप्लोरेशन कार्य को गति देंगे। खान एवं भूविज्ञान विभाग के निदेशक संदेश नायक और जीएसआई जयपुर के अपर महानिदेशक जयपाल व दोनों विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों की जीएसआई के अरावली सभागार में आयोजित बैठक में यह निर्णय लिया गया।
निदेशक माइंस संदेश नायक ने बताया कि राजस्थान विपुल खनिज संपदा युक्त प्रदेश होने के साथ ही पुरातनकाल से ही प्रदेश में खनिज खनन की समृद्ध परंपरा रही है। प्रदेश में दो हजार साल से पहले के खनिज खनन के साक्ष्य उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि खनिज क्षेत्र में निवेश व रोजगार की अपार संभावनाओं और आर्थिक विकास में सहभागिता का इसी से अंदाज लगाया जा सकते हैं कि प्रदेश में खनिज क्षेत्र में 45 सीमेंट फेक्ट्रियों के साथ ही एचजेडएल जैसी मल्टीनेशनल कंपनियां कार्य कर रही है।
नायक ने बताया कि रॉकफास्फेट, लेड, जिंक आदि के खनन में राजस्थान समूचे देश में अग्रणी है। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा खनिज ब्लाकों की नीलामी में तेजी लाई गई है और प्रीमियम दरों पर ब्लॉकों की नीलामी हो रही है। जीएसआई के अपर महानिदेशक जय लाल ने बताया कि जीएसआई द्वारा 1851 से खनिज खोज का कार्य किया जा रहा है। प्रदेश में खनिज खोज की 64 रिपोर्ट दी जा चुकी है। कंपोजिट लाइसेंस के लिए 35 जियोलोजिकल मेमोरेंडम दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि पोटाश क्षेत्र के खोज की अंतिम रिपोर्ट अगस्त-सितंबर तक राज्य सरकार को दे दी जाएगी।
बैठक में लो टनेज, प्रतिबंधित अरावली क्षेत्र के ब्लॉक्स और जियोलोजिकल मेमोरेंडम आदि पर भी चर्चा की गई और ऑक्सनेवल ब्लॉक्स को प्राथमिकता से तैयार कर देने पर जोर दिया गया। बैठक में जीएसआई व माइंस विभाग द्वारा पीपीटी प्रजेटेंशन के माध्यम से आपसी विचार के बिन्दुओं को साझा किया।
निदेशक संदेश नायक ने अधिकारियो के साथ जीएसआई के जियोलोजिकल म्यूजियम का भी अवलोकन किया और प्रदेश के खनि संपदा सहित पुरातात्विक महत्व के अवशेषों से प्रभावित हुए। बैठक में खनिज विभाग से मुख्यकार्यकारी आरएसएमईटी एनपी सिंह, एडीजी आलोक प्रकाश जैन, एसएमई देवेन्द्र गौड़, एसजी एसके मीण्डा, सीनियर जियोलोजिस्ट राजकुमार जैन, जियोलोजिस्ट श्री सुशील कुमार, जीएसआई के वरिष्ठ अधिकारियों में अनिंध्य भट्टाचार्य, ललित मोहन मोरा,डॉ सोनी कोरियन, हरिश मिस्त्री सहित अधिकारियों ने हिस्सा लिया।

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