जयपुर

राजस्थानी परंपरागत अजरख, बगरू, सांगानेरी, कोटा डोरिया, लहरिया, मोठड़ा प्रिंट की साड़ियां और परिधान बन रहे हैं राजस्थान हाट में आयोजित एक्सपो के आकर्षण का केन्द्र

जयपुर। राजस्थान सरकार के उद्योग विभाग द्वारा जयपुर के राजस्थान हाट में आयोजित स्पेशल हैण्डलूम एक्सपो में राजस्थानी परंपरागत प्रिंट की साड़ियों और परिधानों का जादू सर चढ़ कर बोल रहा है। एक्सपो में आने वाली महिलाओं और युवतियों द्वारा राजस्थानी परंपरागत अजरख, बगरू, सांगानेरी, कोटा डोरिया, लहरिया, मोठड़ा प्रिंट की साड़ियां और परिधान खासे पसंद किए जा रहे हैं।

उद्योग आयुक्त अर्चना सिंह ने एक्सपो में खरीदारी करने आई महिलाओं व युवतियों से फीड बैक लेते हुए बताया कि राजस्थानी परंपरागत प्रिंट और डिजाइन के प्रति लोगों का आज भी लगाव और उत्साह देखा जा रहा है। राजस्थान सरकार के उद्योग विभाग द्वारा भारत सरकार के वस्त्र मंत्रालय के सहयोग से आयोजित स्पेशल हैण्डलूम एक्सपो में देश के कोने-कोने की बुनकर समितियों केे हैण्डलूम उत्पाद देखने, परखने और खरीदने का अवसर उपलब्ध हो रहा है।

सिंह ने बताया कि कोरोना के दौर के बाद यह पहला अवसर है जब राजस्थान सरकार द्वारा देश व प्रदेश के बुनकरों व आम नागरिकों को साझा मंच उपलब्ध करा रही है। पन्द्रह दिवसीय एक्सपो के माध्यम से जयपुरवासियों को परंपरागत राजस्थानी प्रिंट के परिधानों के साथ ही अन्य प्रदेशों के बुनकरों के हाथ की जादूगरी से रूबरू होने का अवसर मिलेगा।

उद्योग विभाग द्वारा आयोजित इस हैण्डलूम एक्सपो में राजस्थान हैण्डलूम डेवलपमेंट कॉरपोरेशन द्वारा पांच स्टॉलों में परिधान प्रदर्शित किए गए हैं, वहीं अजरख, सांगानेरी, बगरू और मुगल प्रिंट के बेड कवर व ड्रेस मेटेरियल भी प्रदर्शित हैं। राजस्थान राज्य बुनकर संघ और राजस्थान लघु उद्योग निगम की स्टॉलों पर भी राजस्थानी परंपरागत प्रिंट व डिजाइन को प्रमोट करने वाली साडिय़ां, परिधान आदि प्रदर्शित व बिक्री किए जा रहे है।

नेशनल हैण्डलूम एक्सपो का केन्द्र सरकार के वस्त्र मंत्रालय के सहयोग से आयोजन किया गया है और राजस्थान सहित दस प्रदेशों की बुनकर समितियां इस एक्सपो में अपने हैण्डलूम उत्पाद प्रदर्शित कर रही है। एक्सपो में बुनकर संघ, राजस्थान हैण्डलूम, रुडा और ट्राइफैड के परिधानों को भी उत्साहजनक रेस्पांस मिल रहा है। 19 फरवरी से 4 मार्च तक चलने वाले इस स्पेशल हैण्डलूम एक्सपो में प्रवेश नि:शुल्क है।

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