राजस्थान में फोन टैपिंग विवाद और इस पूरे मामले की सीबीआई जांच की भाजपा की मांग का पूर्व मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने भी समर्थन किया है। वे राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) के पूर्व प्रमुख सचिन पायलट खेमे के विधायक माने जाते रहे हैं। उन्होंने राजसमंद से भाजपा सांसद दीया कुमारी के फोन टैपिंग मामले की सीबीआई जांच की मांग वाले ट्वीट को रीट्वीट करके अपने इरादे बता दिए हैं। भाजपा ने संसद से लेकर विधानसभा तक फोन टैपिंग की सीबीआई जांच की मांग की है।
फोन टैपिंग प्रकरण में अब तक विश्वेंद्र सिंह ने अपनी ओर से कोई बयान जारी नहीं किया है लेकिन भाजपा सांसद के बयान का समर्थन करके सियासी हलकों में चर्चाएं जरूर छेड़ दी हैं। पिछले साल जुलाई में जब विधायक खरीद-फरोख्त प्रकरण में फोन पर बातचीत के ऑडियो लीक हुए थे। उनमें केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह और कांग्रेस विधायक भंवरलाल शर्मा और विश्वेंद्र सिंह के नाम भी आए थे। विश्वेंद्र सिंह अब तक इस मामले में चुप्पी साधे हुए थे, लेकिन अब उन्होंने राजनीतिक बिसात पर अपनी चाल चल दी है।
दीया कुमारी ने ट्वीट किया कि राजस्थान में विधायकों, केंद्रीय मंत्री और अन्य राजनीतिक स्वार्थों के कारण फोन टैपिंग प्रकरण की जांच सीबीआई को सौंपी जाए। यह संविधान प्रदत अधिकारों का हनन और लोकतंत्र की हत्या है। विश्वेंद्र सिंह ने इसे ही रीट्वीट किया है। विश्वेंद्र सिंह ने एक दिन पहले इशारों ही इशारों में एक और सोशल मीडिया पोस्ट करके निशाना साधा है। सोशल मीडिया पर लिखा- ‘इज्ज्त से दो तो अनाज का एक दाना भी स्वीकार है, जो गैर मर्जी से दो तो विरासतें भी ठुकरा दूं’। इस बयान को सरकार में भागीदार और उनके इलाके में विकास के कामों की मंजूरी में भेदभाव से ही जोड़कर देखा जा रहा है।
Rajasthan's Ex minister Vishvendra Singh and BJP MP Dia Kumari demanded phone tapping to be investigated by CBI