जयपुर। प्रदेश के सभी 291 राजकीय महाविद्यालयों में अब कौशल शिक्षा आधारित रीसू के विभिन्न कोर्स चलाए जाएंगे। इससे इन महाविद्यालयों में पढ़ने वाले विद्यार्थी अपनी सामान्य डिग्री के अध्ययन के साथ-साथ रोजगारोन्मुखी सर्टिफिकेट और डिप्लोमा प्राप्त कर सकेंगे। शिक्षा समाप्त होते ही उन्हें रोजगार उपलब्ध हो सकेगा और वह अपने पांव पर खड़े होकर आत्मनिर्भर बन जाएंगे।
इस संबंध में राजस्थान राज्य आईएलडी कौशल विश्वविद्यालय (रीसू) के कुलपति डॉ. ललित के पंवार और कॉलेज शिक्षा निदेशक संदेश नायक की उपस्थिति में शुक्रवार को एमओयू किया गया।
इस अवसर पर पंवार ने कहा कि रीसू देश का पहला कौशल विश्वविद्यालय है जिसने कॉनकरन्ट के आधार पर विद्यार्थियों को सामान्य डिग्री के साथ-साथ रीसू के सर्टिफिकेट व डिप्लोमा लेने की सुविधा प्रदान की है। सबसे महत्वपूर्ण यह है कि एमओयू के बाद रीसू इन सभी राजकीय महाविद्यालयों से सम्बद्धता शुल्क नहीं लेगा। विद्यार्थियों को अलग से इनमें एनरोलमेंट कराने की आवश्यकता नहीं होगी।
कॉलेज शिक्षा निदेशक नायक ने कहा कि रीसू के कोर्सेज वर्तमान समय में बहुत उपयोगी है। सभी महाविद्यालयों को निर्देशित किया जा रहा है कि वे अपनी सुविधा व विद्यार्थियों की मंशा के अनुरूप कॉनकरन्ट आधारित सर्टिफिकेट व डिप्लोमा प्रारंभ करें। व्यावसायिक रूप से जुड़े इन पाठ्यक्रमों की वर्तमान में बहुत आवश्यकता है।