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दुनिया को बदलना है तो स्वयं पर विश्वास करना होगा: डीबी गुप्ता, मुख्य सूचना आयुक्त

रामकृष्ण मिशन के 125वें जयन्ती पर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित मुख्य सूचना आयुक्त डीबी गुप्ता ने कहा कि दुनिया को बदलना है तो स्वयं पर विश्वास करना जरूरी है। लक्ष्य को सावधानीपूर्वक तय करें और उस पर ध्येय बनाएं एवं योजनाबद्ध तरीके से कार्यों निष्पादन करें। उन्होंने कहा कि विचार दूर तक जाते है, शब्द गौण है। हमारी सोच हमारी दिशा तय करती है।
डीबी गुप्ता शनिवार को यहां रामकृष्ण मिशन परिसर में रामकृष्ण मिशन के 125वें जयन्ती कार्यक्रम के समापन अवसर पर हमारे ‘राष्ट्र के निर्माण में स्वामी विवेकानंद के योगदान’ विषय पर मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने युवाओं को सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के संबंध में टिप्स दिए। उन्होंने कहा कि दूसरों से अलग प्रयास करने की कोशिश करो एवं स्वय को जिज्ञासु बनाओं।
गुप्ता ने रामकृष्ण मिशन परिसर की 1968 से 1976 की अपनी यादों का जिक्र किया। उन्होंने अपने दादाजी स्वर्गीय भूषण गुप्ता का जिक्र करते हुए अपने जीवन में उनके प्रभावों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद के विचारों ने बचपन में ही मुझे प्रभावित किया जिनके बल पर मै आगे बढ़ा।
आयोजन के प्रारंभ में प्रमुख शासन सचिव सहकारिता श्रेया गुहा ने अतिथियों का स्वागत करते हुए स्वामी विवेकानंद के संदेश को जन-जन तक पहुंचाने का आह्वान किया। उन्होंने मुख्य सूचना आयुक्त डीबी गुप्ता के व्यक्तित्व पर प्रकाश भी डाला।
रामकृष्ण मिशन दिल्ली के सचिव स्वामी सर्वलोकानंद ने कहा कि भारत की आध्यत्मिकता एवं धर्म प्राण है। उन्होंने स्वामी विवेकानंद के विचारों से प्रेरणा लेते हुए कहा कि भारत फिर उठेगा, भारत फिर बढ़ेगा और वह अतीत के गौरव से भी आगे बढ़ेगा। चंद्रयान की सॉफ्ट लैंडिग ने विश्व में भारत की अद्वितीय प्रतिभा का परिचय कराया है। उन्होंने कहा कि स्वयं को दुर्बल ना समझो, स्वयं को सशक्त समझो। आत्मविश्वासी बनो। इसी आधार पर लोग महान हुए है। उन्होंने कहा कि सबसे बड़ा बल आत्मबल है। देश निर्माण से पूर्व मनुष्य निर्माण होना आवश्यक है। उसके बल पर ही देश को आगे ले जा सकते है।
रामकृष्ण मिशन के सचिव देव प्रभानंद ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने आध्यामिक्ता को सींचा और उसे जन-जन तक पहुंचाया। उन्होंने कहा कि भारत भूमि पर जो अवतार हुए है वे आध्यात्मिकता को सींचते है। आध्यात्मिकता के बल पर ही भारत विश्व गुरू बन सकता है।
विवेकानंद आर्मी के संस्थापक विख्यात शिक्षाविद अजीत राय ने विवेकानंद के जीवन से ओतप्रोत ओजस्वी विचार प्रस्तुत किए। भारतीय विद्या भवन की पूर्व शिक्षिका उमा मेहरा ने विवेकानंद जी के योगदान पर चर्चा करते हुए राष्ट्र निर्माण में भूमिका को रेखांकित किया। अंत में विख्यात कार्डियक सर्जन डॉ. रमेश कुमार मधोक ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर गणमान्य नागरिक एवं बड़ी संख्या में युवा उपस्थित थे।

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