रूस और यूक्रेन की जंग को खत्म कराने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी की कोशिशें अब रंग लाती दिख रही हैं। पिछले ढाई साल से जारी जंग में पहली बार दोनों देशों ने एक-दूसरे के साथ थोड़ी दरियादिली दिखाने का काम किया है। रूस और यूक्रेन ने पहली बार युद्ध बंदियों की अदला-बदली की है। जिसमें दोनों पक्षों ने 103 लोगों को रिहा किया है। न्यूज एजेंसी इंटरफैक्स ने शनिवार को बताया कि जिन रूसी सैनिकों की अदला-बदली की गई, उन्हें रूस के कुर्स्क इलाके में बंदी बनाया गया था। यूक्रेनी सेना ने पिछले महीने रूस में अपनी पहली बड़ी घुसपैठ में वहां के इलाके पर कब्जा कर लिया था।
गौरतलब है कि हाल ही में पीएम नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन का दौरा किया था। उन्होंने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से मुलाकात की थी। इससे पहले पीएम मोदी ने मॉस्को का दौरा किया था और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बातचीत की थी। हाल ही में भारत के एनएसए अजित डोभाल ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से आमने-सामने की बात की थी। पुतिन पहले ही कह चुके हैं वे जंग को खत्म करने की समझौता बातचीत में भारत की बात मानने को तैयार हैं। यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने भी भारत से अपने असर का इस्तेमाल करके रूस को जंग खत्म करने के लिए मनाने को कहा है।
कैदियों की अदला- बदली का समझौता
रूस और यूक्रेन में कैदियों की अदला बदली के इस समझौते से पहले दोनों पक्षों के बीच जंग की जोरदार तैयारियां जारी रहने के संकेत मिल रहे हैं। यूक्रेन ने पश्चिमी देशों से रूस में और भी गहराई तक हमला करने की अनुमति देने की नई अपील की है। जबकि एक दिन पहले अमेरिका और ब्रिटिश नेताओं के बीच हुई बैठक में लंबी दूरी के हथियारों के इस्तेमाल पर उनकी नीति में कोई साफ बदलाव नहीं हुआ। यूक्रेनी राष्ट्रपति के सलाहकार एंड्री यरमक ने शनिवार को कहा कि रूसी आतंक रूसी संघ के अंदर हथियारों के डिपो, हवाई अड्डों और सैन्य ठिकानों से शुरू होता है।
जंग खत्म होने की कोशिशें तेज
उन्होंने कहा कि रूस में गहराई तक हमला करने की अनुमति से जंग को खत्म करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ा जा सकता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक कीव ने कहा कि रूस ने रातों-रात यूक्रेन में और अधिक ड्रोन और तोपखाने हमले किए हैं। जिसके बाद यह नई अपील की गई। यूक्रेनी अधिकारियों ने बार- बार अपने सहयोगियों से रूसी इलाके में अंदर तक लक्ष्यों पर हमला करने के लिए पश्चिमी देशों से मिले लंबी दूरी के हथियारों के इस्तेमाल को मंजूरी देने की अपील की है। अब तक अमेरिका ने कीव को यूक्रेन के साथ रूस की सीमा के अंदर सीमित इलाकों में ही अमेरिका से दिए गए हथियारों का उपयोग करने की अनुमति दी है।