पहलवानों ने साफ किया कि उन्होंने अपना आंदोलन वापस नहीं लिया है। साथ ही, महिला पहलवानों की एफआईआर वापस लेने की खबर भी फर्जी है। पहलवान साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया रेलवे में अपनी नौकरी पर वापस लौट गए हैं। ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया भारतीय रेलवे में ओसीडी (खेल) के पद पर नियुक्त हैं। हालांकि उन्होंने साफ किया कि वे विरोध से पीछे नहीं हट रहे हैं। साक्षी मलिक ने सोमवार (5 जून) को कहा, ‘हमने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की, यह एक सामान्य बातचीत थी, हमारी केवल एक ही मांग है। और वह है, उन्हें (बृजभूषण सिंह) गिरफ्तार करें।’
उन्होंने कहा, ‘मैं विरोध से पीछे नहीं हटी हूं, रेलवे में ओएसडी के रूप में मैंने अपना काम फिर से शुरू कर दिया है। मैं स्पष्ट करना चाहती हूं कि जब तक हमें न्याय नहीं मिल जाता तब तक हम विरोध करते रहेंगे। हम पीछे नहीं हटेंगे। उसने (नाबालिग लड़की) कोई प्राथमिकी वापस नहीं ली है, यह सब फर्जी है।’
इंसाफ मिलने तक लड़ाई जारी है
साक्षी मलिक ने धरने से हटने की खबरों को गलत करार देते हुए कहा कि यह खबर बिलकुल गलत है। इंसाफ की लड़ाई में न हम में से कोई पीछे हटा है, न हटेगा। सत्याग्रह के साथ-साथ रेलवे में अपनी जिम्मेदारी को साथ निभा रही हूं। इंसाफ मिलने तक हमारी लड़ाई जारी है। कृपया कोई गलत खबर न चलाई जाए। दरअसल, साक्षी मलिक के बारे में सोमवार को बताया गया कि उन्होंने भारतीय रेलवे की अपनी नौकरी फिर से ज्वाइन कर ली है। इस खबर के सामने आने के बाद दावा किया जाने लगा कि साक्षी मलिक ने पहलवानों के धरना-प्रदर्शन से खुद को अलग कर लिया है।
‘हम पीछे नहीं हटे हैं’
वहीं बजरंग पूनिया ने ट्वीट किया, ‘आंदोलन वापस लेने की खबरें कोरी अफवाह हैं। ये खबरें हमें नुकसान पहुंचाने के लिए फैलाई जा रही हैं। हम न पीछे हटे हैं और न ही हमने आंदोलन वापस लिया है। महिला पहलवानों की एफआईआर उठाने की खबर भी झूठी है। इंसाफ मिलने तक लड़ाई जारी रहेगी।’
‘आंदोलन दोबारा शुरू करेंगे’
पहलवान और साक्षी मलिक के पति सत्यव्रत कादियान ने कहा, ‘हमारे निर्णय को प्रभावित करने के लिए इस तरह की चीजें चलाई जा रही हैं। हम विरोध से पीछे नहीं हटे हैं। हमारा विरोध जारी रहेगा। हमारे साथ जंतर-मंतर पर जो भी हुआ उसके बाद हम वापस आ गए। हम आंदोलन दोबारा शुरू करेंगे। दिल्ली पुलिस ने जो हमारे साथ किया है वे पूरे देश ने देखा है, सभी उसके खिलाफ हैं।’